तीसरी लहर से बच्चों को बचाने को सरकार अलर्ट, 12 माह तक के बच्चों लिए सरकार ने जारी किए निर्देश, बच्चों को आए ये लक्षण तो इन हेल्पलाइन करें संपर्क





गोरखपुर। कोविड की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर सरकार 12 माह तक के शिशुओं के कोविड प्रबंधन से संबंधित प्रचार-प्रसार में जुट गयी है। प्रचार सामग्री में इस बात का जिक्र है कि सावधानी अपनाकर ही कोविड को शिशुओं से बचाना है। अगर किसी शिशु में कोविड के लक्षण दिख रहे हैं तो चिकित्सक के परामर्श से ही मेडिकल किट देनी है । लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना है और जरूरत पड़ने पर राज्य हेल्पलाइन नंबर 18001805145 एवं 104 पर संपर्क करना है। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल का कहना है कि शून्य से 12 माह तक के शिशु (जिनमें कोविड के लक्षण तो हैं लेकिन जांच नहीं हुई है या जांच की रिपोर्ट ज्ञात नहीं है) और कोविड पाजिटिव शिशु के लिए उपचार और मेडिकल किट की जानकारी से स्वास्थ्यकर्मियों को संवेदीकृत किया गया है। इसलिए अगर किसी शिशु में कोविड के लक्षण दिखें तो चिकित्सक के परामर्श से ही दवा लेनी है। अलग-अलग लक्षणों के हिसाब से अलग-अलग दवा किट और डोज का सेवन किया जाना है। श्री बरनवाल ने बताया कि अगर शिशु में लगातार 101 डिग्री से अधिक बुखार, अत्यधिक खांसी आना, पसली चलना, दूध एवं खुराक का लेना बंद कर देना, अत्यधिक रोना या निढाल पड़ जाना, पल्स ऑक्सीमीटर से नापने पर 94 फीसदी से कम का ऑक्सीजन स्तर आना परिलक्षित हो रहा है तो यह कोविड का लक्षण हो सकता है। ऐसे में तुरंत चिकित्सक की सहायता लेनी चाहिए। ऐसे बच्चों में कोविड प्रबंधन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बताया कि ऐसे में दिन में तीन से चार बार बच्चे की श्वसन दर और ऑक्सीजन सेचुरेशन पल्स ऑक्सीमीटर से नापते रहें। अगर बच्चे में खांसी, पसली चलने, दूध व खुराक बंद होने, तेज बुखार और दस्त न रुकने की समस्या हो तो तत्काल एएनएम उपकेंद्र या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। किसी भी अप्रशिक्षित चिकित्सक के चक्कर में नहीं पड़ना है और न ही मेडिकल स्टोर से अपने मन से दवा खरीद कर देनी है। कहा कि छह माह तक के शिशुओं को किसी भी सूरत में मल्टीविटामिन न दें। इसके अलावा कोई भी दवा चिकित्सक द्वारा बताए गये डोज से अधिक नहीं देना है। बुखार का सिरप किसी भी स्थिति में बच्चे को खाली पेट नहीं देना है।



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