गोरखपुर के स्वास्थ्य महकमे की बड़ी उपलब्धि, जिले के 11 सीएचसी को मिला कायाकल्प पुरस्कार, सुदृढ़ होगी व्यवस्था





गोरखपुर। जिले की 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को वर्ष 2023-24 के लिए कायाकल्प पुरस्कार मिला है। इन सभी सीएचसी को एक-एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिलेगी जिनमें से 75 फीसदी की धनराशि इनकी व्यवस्था के सुदृढ़ करने में खर्च की जा सकेगी। गोला और बांसगांव सीएचसी ने पहली बार यह पुरस्कार जीता है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने सभी सीएचसी अधीक्षक, उनकी टीम, नोडल अधिकारी डॉ एके चौधरी, डीपीएम पंकज आनंद और क्वालिटी प्रभारी विजय श्रीवास्तव समेत सभी मंडलीय और जनपदीय सहयोगियों को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि मिशन निदेशक से प्राप्त पत्र के अनुसार प्रदेश की 425 सीएचसी को यह पुरस्कार मिला है। इनमें गोरखपुर जिले के भटहट, पिपरौली, गगहा, बरही, पिपराईच, पाली, सहजनवां, कैम्पियरगंज, गोला, बांसगांव और जंगल कौड़िया सीएचसी शामिल हैं। गोरखपुर की भटहट सीएचसी ने पांचवी बार पुरस्कार प्राप्त किया है और इसे जिले में सर्वाधिक 89.71 स्कोर प्राप्त हुआ है। डॉ दूबे ने बताया कि पिपराईच सीएचसी छठवीं बार, पिपरौली सीएचसी दूसरी बार, गगहा सीएचसी तीसरी बार, बरही सीएचसी दूसरी बार, पाली सीएचसी तीसरी बार, सहजनवां सीएचसी चौथी बार, कैम्पियरगंज सीएचसी पांचवी बार और जंगल कौड़िया सीएचसी चौथी बार यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली सीएचसी बन गई हैं। पुरस्कार के रूप में प्राप्त धनराशि में से 25 फीसदी का इस्तेमाल कर्मचारियों के प्रोत्साहन व पुरस्कार के तौर पर खर्च किये जाने का प्रावधान है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने बताया कि इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी सर्विसेज, स्वच्छता जैसे मानकों के आधार पर सीएचसी का मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन के लिए बाहर से आने वाली टीम जिन सीएचसी को 70 फीसदी से अधिक अंक मिलते हैं उन्हें ही यह अवार्ड दिया जाता है। जिले की इकाइयों को तैयार करने में क्वालिटी प्रभारी विजय श्रीवास्तव की अहम भूमिका रही है। इस पुरस्कार के लिए प्रत्येक वर्ष मूल्यांकन होता है। यह मूल्यांकन सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर श्रेणी में अलग अलग किया जाता है।



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