जखनियां : धूमधाम से मना महामंडलेश्वर का आर्विभाव दिवस, अनोखे पल में एसपी व महामंडलेश्वर ने एक दूसरे को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं





जखनियां। पूर्वांचल में तीर्थस्थल के रूप में विख्यात सिद्धपीठ हथियाराम मठ में बुधवार को राधाष्टमी पर 26वें पीठाधीश्वर एवं जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति महाराज का हजारों शिष्य श्रद्धालुओं ने असीम आस्था और उत्साह के साथ आविर्भाव दिवस मनाया। वैदिक विद्वान ब्राह्मणों ने धार्मिक अनुष्ठान किया, तो संत महात्माओं, कन्या पीजी कॉलेज की छात्राओं, अतिथियों आदि ने गुरु वंदना करते हुए उनके स्वस्थ और दीर्घायु होने की कामना की। महामंडलेश्वर ने कहा कि जन्म उत्सव के प्रति मेरा कोई उत्साह नहीं लेकिन श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करना मेरे जीवन का सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि साल के 364 दिन मैं आप लोगों को आशीर्वाद देता हूं, परंतु आज के दिन मुझे आप सभी श्रद्धालु मुझे आशीर्वाद दीजिए कि मैं मठ के विकास के साथ ही सन्यास के पथ पर चलते हुए समाज और लोक कल्याण का कार्य ऐसे ही सहजता पूर्वक संपादित करता रहूं। कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य का दिन है, जिस दिन मैं आप लोगों से आशीर्वाद प्राप्त करता हूं। कहा कि जन्म के साथ ही मरण भी निर्धारित हो जाता है। व्यक्ति को अपने मरण की चिंता करते हुए सदैव अपने कर्तव्य पथ पर अडिग और चरित्रवान बने रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति की कीर्ति समाज में सदैव जीवित रहती है। कहा कि सनातन धर्म ही एक ऐसा धर्म है जो विश्व का कल्याण हो, के ध्येय वाक्य पर विश्वास करता है। इस दौरान सिद्धपीठ की धरती को पवित्र बताते हुए वृद्धम्बिका देवी की महिमा का बखान किया और कहा कि देवी मां की कृपा से यहां के कण-कण में भगवान हैं और यहां सच्चे दिल से प्रार्थना करने वालों की मुरादें जरूर पूरी होती हैं। कार्यक्रम में पहुंचे हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने कहा कि आज के दिन की महत्ता को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। इसके बाद एक शायरी के माध्यम से गुरु का गुणगान करते हुए कहा कि कुछ ऐसे द्वार होते हैं, जहां प्रत्येक समस्या का समाधान मिलता है। अपनी मुश्किलों का जिक्र करते हुए कहा कि बुढ़िया माता के दरबार में हर दुख विपत्ति का निराकरण होता है। मन विचलित हो तो घबराना नहीं, सब दुःख वक्त के साथ मिट जाता है। इस दौरान वाराणसी के डीआईजी ओमप्रकाश सिंह सहित जिलाधिकारी आर्यका अखौरी, पुलिस अधीक्षक डॉ. ईराज राजा, काशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्टी पंडित प्रसाद दीक्षित, अखिल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, देश के पहले विमानन विश्वविद्यालय बरेली के कुलपति डॉ. वीके सिंह, व्यास डॉ. मंगला प्रसाद सिंह, शिवानन्द सिंह झुन्ना, प्रो. जेपी सिंह, विपिन सिंह, रजनीश राय, फौजदार सिंह, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि डा. संतोष यादव आदि लोगों ने करीब 900 वर्ष प्राचीन इस तपोस्थली के सिद्धसंतों के तप और बुढ़िया माता की अर्चना करते हुए महामंडलेश्वर को शुभकामनाएं दी। इस दौरान महाविद्यालय में एमए अंतिम वर्ष में हिंदी व गृह विज्ञान में अव्वल आने वाली छात्रा दीक्षा दूबे, अंजना यादव और संध्या को डीएम और एसपी ने प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान ही सभी को पता चला कि वहां पहुंचे पुलिस अधीक्षक डॉ. ईराज राजा का भी आज ही जन्म दिवस है। जिसके बाद महामंडलेश्वर ने एसपी का माल्यार्पण करके हुए उपहार देकर उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने एक दूसरे को जन्म दिन की शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर डॉ. विजय नारायण राय, संत देवरहा बाबा, डॉ. रत्नाकर त्रिपाठी, अखिलेश प्रसाद, विपिन पांडेय, डॉ. संतोष मिश्रा, हरिश्चंद्र सिंह, डा. अमिता दूबे आदि रहे। संचालन डा. सानन्द सिंह ने किया।



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