भारत में दो निशान, दो विधान व दो प्रधान का विरोध करने वाले डॉ. मुखर्जी को बलिदान पखवाड़े में श्रद्धांजलि देने गाजीपुर पहुंचे खेल मंत्री





गाजीपुर। जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की याद में भाजपा के जिला कार्यालय पर चल रहे बलिदान पखवाड़े में प्रदेश के खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव पहुंचे और लोगों को संबोधित किया। कहा कि डॉ. मुखर्जी ने देश की एकता व अखंडता के लिए अपना बलिदान दे दिया लेकिन कभी अपने विचारों से समझौता नहीं किया। कहा कि आज के लोग पद और प्रतिष्ठा के लिए जहां किसी भी स्तर पर जाने को तैयार हैं, वहीं डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए पद को लात मारकर तत्कालीन सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए बिना परमिट कश्मीर पहुंच कर एक ही देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान व्यवस्था का मुखर विरोध किया। कहा कि डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी बचपन से बहुत ही प्रवीण और कुशाग्र थे। सबसे कम मात्र 24 वर्ष की उम्र में वे कोलकाता विश्वविद्यालय सीनेट के सदस्य बने। अध्ययन के लिए विदेश गए तथा वहां लंदन मैथमेटिकल सोसायटी ने उनको सम्मानित सदस्य बनाया। वहां से लौटने के बाद डॉ मुखर्जी ने वकालत किया और विश्वविद्यालय की सेवा में कार्यरत हो गए। उनका राष्ट्र के प्रति समर्पण और स्वाभिमान था। कहा कि जम्मू कश्मीर में एससी-एसटी, ओबीसी को उनेक अधिकार देने का काम डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की विचारधारा पर चल रही भाजपा सरकार व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। कहा कि भाजपा ने कभी सत्ता के सुख के लिए नहीं बल्कि भारत माता को परम वैभव पर स्थापित करने तथा देश को आगे बढ़ाने के लिए सत्ता पाई है। कहा कि हम सभी को उनके विचारों पर चलने की जरूरत है। इस मौके पर राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत, जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, भानु प्रताप सिंह, कृष्ण बिहारी राय, बृजेंद्र राय, पारसनाथ राय, डॉ सानंद सिंह, डॉ संतोष यादव, आनंद राय, राजेश राजभर, रामराज वनवासी, ओमप्रकाश राय, प्रवीण सिंह आदि रहे। संचालन जिला महामंत्री अवधेश राजभर ने किया।



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