अब जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के अलावा आमजन भी ले सकेंगे सरकारी स्कूलों को गोद, विभाग ने किया नीतियों में बदलाव



बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। परिषदीय विद्यालयों की दशा को सुधारने के लिए कायाकल्प विद्यांजली योजना के अंतर्गत अब कोई भी व्यक्ति मनचाहे स्कूल को गोद ले सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी पोर्टल के माध्यम से चयनित स्कूल में कई प्रकार से विद्यार्थियों के उपयोगी सहायता को प्रदान कर सकते है। गोद लिए गए स्कूल में किसी भी प्रकार के उपयोगी सामानों को अनुदानित किया जा सकता है। अभी तक स्कूलों को दान देने के लिए लंबे प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। अब कायाकल्प विद्यांजली पोर्टल पर जाकर सीधे अपने मन पसंद के विद्यालय को चयन कर अपने सहयोग की जानकारी देकर अनुमति प्राप्त की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों विधायक, सांसद और राजपत्रित अधिकारियों से इस प्रक्रिया में सहभागिता कर स्कूलों को गोद लेने का आह्वान किया था। अब इसे आगे बढ़ाते हुए शिक्षा विभाग की आम आदमी और सामान्य जनसमुदाय को भी इससे जोड़ने की योजना है। इसके तहत कॉरपोरेट सेक्टर, सोशल रिस्पांसिबल टीम, सामुदायिक सहयोग, प्रतिष्ठित या इच्छुक व्यक्तियों समेत स्कूल के पूर्व छात्रों को शामिल कर लिया गया है, जिनसे सहयोग लिया जा सकेगा। इस दान के लिए इनकम टैक्स में छूट मिलने के लिए इनकम टैक्स विभाग जल्द ही इसकी व्यवस्था भी करेगा। स्कूलों में अध्ययन सामग्री यानी स्टेशनरी दी जा सकेगी। इसके अलावा यदि कोई पूर्व शिक्षक स्कूल में स्वेच्छा से पढ़ाना चाहेगा तो इसकी व्यवस्था भी रहेगी। नवागत खंड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि विभाग ने 27 सुविधाओं की सूची जारी की है, जिसे उपलब्ध कराने में आम आदमी, एनजीओ, सीएसआर, पूर्व छात्र आदि मदद कर सकते है। परिषदीय विद्यालयों को गोद लेने के अतिरिक्त आर्थिक या पढ़ाई सामग्री, फर्नीचर, भवन निर्माण संम्बंधी, खेलकूद सामग्री, जल प्रबंधन या स्मार्टक्लास की व्यवस्था भी कर सकता है।



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