अब तक अधूरे पड़े हैं पंचायत भवन, कैसे चले गांव की सरकार? अब तक 18 भवन हैं अपूर्ण



बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। सैदपुर ब्लाक के डेढ़ दर्जन गांवों में ग्राम पंचायतों के मिनी सचिवालय की संकल्पना अधूरे भवनों के चलते साकार नहीं हो पा रही है। बैठकों के आयोजन तथा गांव स्तर पर पंचायत सचिव की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गांव गांव पंचायत भवन बनाने और उन्हें सुविधा संपन्न तरीके से संचालित करने की योजना है। जिससे गांव वालों को पंचायती राज और सरकार के लाभकारी योजनाओं की हर सुविधा का लाभ एक ही छत के नीचे मिल सके। सैदपुर ब्लाक के 98 ग्रामसभा में अभी तक सिर्फ 80 गांवों में पंचायत भवन पूर्ण किये गये है। 18 ग्राम सभाओं में अभी तक पंचायत भवन नहीं बनाये जा सके है। 13 गांवों में पंचायत भवन निर्माणाधीन हैं और पांच ग्रामसभा पटना, कोडरी, जमीन सन्दल, तेतारपुर में पंचायत भवन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सोनियापार, अमेहता, ताजपुर मोलना, मलिकपुर, दौलतपुर जैसे छह गांवों में पुराने पंचायत भवन को तोड़कर नए पंचायत भवन बनाने की प्रक्रिया चल रही है। जिन गांवों में पंचायत भवन बनें भी हैं वह आधे अधूरे सुविधाओं या सुचारू रूप से कार्य न किये जाने के शिकार हैं। ऐसी स्थिति में सरकार की उस सोच को बड़ा झटका लग रहा है, जिसमें यह कहा गया था कि अब एक ही छत के नीचे से गांव वालों को सभी सुविधाएं मिलेंगी। कहीं जमीनी विवाद तो कहीं धनाभाव तो कहीं विभागीय उदासीनता से पंचायत भवनों का निर्माण अब भी अधूरा पड़ा है। नतीजा यह है कि गांव वालों को पंचायत भवन की सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। एडीओ पंचायत सैदपुर राकेश दीक्षित ने बताया कि कहीं जमीनों के अनुपलब्धता और कुछ वित्तीय विसंगतियों की वजह से पंचायत भवन निर्माण में देरी हो रही है जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।



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