दस्त से करनी है बच्चों की जीवन रक्षा तो ओआरएस का घोल और जिंक टेबलेट सबसे अच्छा





गोरखपुर। बच्चों को बार-बार दस्त की शिकायत होने पर अगर समय रहते सही कदम न उठाया जाए तो यह उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। दस्त शुरू होते ही अगर ओआरएस के घोल और जिंक की गोली का इस्तेमाल किया जाए तो यह बच्चे के जीवन की रक्षा करते हैं। दस्त बढ़ते ही आशा, एएनएम और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर निःशुल्क उपलब्ध ओआरएस के पैकेट और जिंक टैबलेट प्राप्त कर सकते हैं। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का। उन्होंने जनसमुदाय से अपील की है कि बच्चों में दस्त के मामलों को हल्के में न लें और समय से उपचार शुरू कर दें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि दस्त के प्रति जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से ही शासन के दिशा-निर्देश पर एक जून से शुरू होकर 15 जून तक दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं से जनजागरूकता फैलाने के साथ-साथ जिन घरों में बच्चों को दस्त की शिकायत है उन्हें ओआरएस के पैकेट और जिंक टैबलेट उपलब्ध करवाने को कहा गया है। अभिभावकों को भी यह ध्यान रखना है कि बच्चे को दस्त आते ही और हर दस्त के बाद ओआरएस का घोल अवश्य देना है। इसके साथ ही जिंक की गोली एक चम्मच पीने के पानी अथवा मां के दूध में घोल कर लगातार 14 दिनों तक देना है। दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी मां का दूध और पूरक आहार देना जारी रखना है। ओआरएस के एक पैकेट को एक लीटर पीने के पानी में घोल बनाकर रखना है जो समय-समय पर बच्चे की आयु के हिसाब से निर्धारित मात्रा में देना है। डॉ दूबे ने बताया कि दो माह से कम आयु के बच्चे को हर दस्त के बाद पांच चम्मच ओआरएस का घोल देना है। दो माह से चार वर्ष तक के बच्चे को एक चौथाई कप या आधा कप ओआरएस का घोल प्रत्येक दस्त के बाद दें। दो वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चों को आधा कप या एक कप ओआरएस का घोल प्रत्येक दस्त के बाद देना है। यह घोल दस्त शुरू होने के बाद तब तक देना है जब तक कि बच्चे का दस्त बंद न हो जाए। दस्त के दौरान बच्चे के मल का सुरक्षित निपटान करना है और समय-समय पर अभिभावक अपने हाथों को साबुन पानी से धुलते रहेंगे। हाथ धुलने में सुमन-के (हथेलियों को सामने से, उल्टा, मुट्ठी, अंगूठा, नाखून, कलाई की अच्छे से सफाई) विधि का इस्तेमाल करें। सीएमओ ने बताया कि जिंक टैबलेट देने से दस्त की अवधि और तीव्रता कम होती है। यह तीन महीने तक दस्त से सुरक्षित रखता है और लंबे समय तक शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बना कर रखता है। आशा, एएनएम या चिकित्सक के परामर्श के अनुसार जिंक की गोली मां के दूध या पानी के साथ बच्चे को देनी होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में पांच साल तक की उम्र के 5.25 लाख बच्चे हर साल उल्टी-दस्त से मर जाते हैं। ऐसे में छह महीने तक बच्चों को सिर्फ मां का दूध ही देना है। जब बच्चे पानी का सेवन करें तो उन्हें शुद्ध जल और सुपाच्य पूरक आहार ही देना है। जिंक टैबलेट की दस्त नियंत्रण में अहम भूमिका है।



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