बजट में डिजिटल करंसी जारी करने की घोषणा पर क्रिप्टो करंसी धारकों ने ली राहत की सांस, दांव पर लगे थे लाखों





खानपुर। केंद्र सरकार के नए बजट में आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी जारी किए जाने पर क्रिप्टो करंसी के निवेशकों ने राहत की सांस ली है। लंबे समय से क्रिप्टो करंसी के निवेशकों में भारत सरकार के अनिश्चितता की स्थिति पर निराशा बनी हुई थी। जिसे अब डिजिटल करेंसी के प्रचलन में लाये जाने पर राहत की सांस ली है। सरकार ने क्रिप्टो करंसी के उपयोग पर 30 प्रतिशत का भारी भरकम टैक्स लगाकर इसे प्रचलन में लाने पर जोर दिया है। अर्थशास्त्री सुधाकर त्रिपाठी बताते है कि क्रिप्टो करंसी एक डिजिटल मुद्रा है जो क्रिप्टोग्राफी के रूप में सुरक्षित रहती है। क्रिप्टो करंसी सिर्फ डिजिटल यानी वर्चुअल रूप में ही होती है और इसे नोट या सिक्के की तरह जेब में नही रख सकते हैं। इस समय क्रिप्टो करंसी में बिटकॉइन का वर्चस्व है। अभी दुनियाभर में इथेरियम, टिकर, कार्दानों, पोल्काडोट, रिपल और डोजकाईन सहित सैकड़ों अन्य क्रिप्टो करंसी मौजूद हैं। 2009 में जापान से प्रचलन में आई बिटकॉइन इस समय दुनिया में सबसे महंगी वर्चुअल करंसी है। हालांकि क्रिप्टो करंसी अत्यंत अस्थिर और खतरनाक उछाल भरने वाली जोखिम भरी परिसंपत्ति है। क्रिप्टो करंसी के निर्गमन के पीछे स्वर्ण या बहुमूल्य धातु के कोष नही रखे जाते हैं, न ही इसके पीछे किसी वित्तीय नियामक संस्था से किसी मूल्य की वापसी संबंधी कोई गारंटी ही होती है। ऐसे में क्रिप्टो करंसी का निर्गमन कर कई वित्तीय धोखेबाज द्वारा डिजिटल निवेशकों से ठगी किये जाने की आशंका बनी रहती है। वित्त मंत्री ने आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी जारी किए जाने की घोषणा के बाद क्रिप्टो करंसी के निवेशकों ने राहत की सांस ली है कि अब उनके निवेश को कर देकर सुरक्षित किया जा सकता है।



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