परिवार का दर्पण होता है बुजुर्ग, सम्मान के बदले मिले आशीर्वाद से धन्य होता है जीवन - भवानी नंदन यति





जखनियां। ‘वैश्विक महामारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का ईमानदारी से पालन करना अति आवश्यक है। महामारी से बचाव के लिए मास्क व सामाजिक दूरी के साथ ही साफ सफाई का विशेष ध्यान देकर ही महामारी को मात दिया जा सकता है।’ उक्त बातें सिद्धपीठ हथियाराम मठ के महामंडलेश्वर महंथ स्वामी भवानी नंदन यति महाराज ने कहीं। कहा कि ये जीवन व शरीर नश्वर है, जीव को सच्ची खुशी तथा शांति परमात्मा की शरण में ही मिलती है। शुद्ध अंतःकरण में सब कुछ देखा जा सकता है। बुजुर्गों की सेवा व सहयोग आज की आवश्यकता बताते हुए महामंडलेश्वर ने कहा कि कोई भी बुजुर्ग उस परिवार का दर्पण होता है। उनके सानिध्य में रहकर उनसे काफी कुछ सीखने का अवसर मिलता है। जिस परिवार में इनको सम्मान मिलता है, वो परिवार समृद्ध और वैभवशाली होता है और हमेशा विकास की तरफ अग्रसर रहता है। कहा कि बुजुर्गों को भोजन, वस्त्र के अलावा मान-सम्मान की भी आवश्यकता होती है। कहा कि बुजुर्गों का आशीर्वाद कभी निरर्थक नहीं जाता, इसलिए उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनको सदैव प्रसन्न रखें। इस मौके पर राधेश्याम जायसवाल, लौटू प्रजापति, अभिषेक सिंह, वंशीधर वर्मा, मूलचंद मद्धेशिया, विवेक जायसवाल आदि रहे।



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