तो क्या पाकिस्तान के कराची में बैठा है बाहुबली मुख्तार अंसारी का भगोड़ा शूटर? वहां तक कैसे पहुंचेंगे सीएम योगी के सिपाही?
गाजीपुर। योगी सरकार की अपराधियों के खिलाफ चलाई गई मुहिम के तहत बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ चौतरफा ऐक्शन हो रहा है। उनके करीबियों पर कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है। अवैध संपत्ति जमींदोज की जा रही है। इस बीच मुख्तार के दो इनामी शूटर अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। इन दोनों को पकड़ना तो दूर इनके असली ठिकानों का पता भी पुलिस के पास नही हैं। अब इस बात पर लोगों में चर्चा हो रही है कि क्या ऑपेरशन क्लीन से अंसारी गैंग के भगोड़े इनामिया गुर्गे भी सलाखों के पीछे होंगे? अंडरवर्ल्ड से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इनमें से एक शूटर पाकिस्तान के कराची शहर में सक्रिय है। रूंगटा अपहरण कांड और कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार गिरोह के शूटर अताउर्रहमान उर्फ बाबू और शहाबुद्दीन का नाम सामने आया था। 1997 में हुए रूंगटा कांड के बाद से सीबीआई को इन दोनों की तलाश है। अताउर्रहमान रिश्ते में मुख्तार का चचेरा ससुर लगता है और उस पर सीबीआई ने 5 लाख का इनाम घोषित किया हुआ है। अभी वह फरार है। बताया जा रहा है पाकिस्तान के कराची शहर से वह गैंग ऑपरेट कर रहा है। जी हां, वही कराची शहर जिसका जिक्र अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके गिरोह से जोड़कर होता है। अब तक अताउर्रहमान के बारे में पुलिस कोई खास सुराग नहीं लगा पाई है। मुख्तार के एक और शूटर शहाबुद्दीन पर भी 2 लाख का इनाम घोषित है। साल 1997 में विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण कांड के बाद से दोनों फरार हैं। रूंगटा मामले को पुलिस अब तक ठीक से इन्वेस्टिगेट नहीं कर पाई। बाद में यह केस सीबीआई को जांच के लिए दिया गया था। इस मामले में मुख्तार के शामिल होने के सबूत नहीं मिलने की वजह से उसे बाइज्जत बरी कर दिया गया था। मुख्तार को तो इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन उसके गुर्गे अताउर्रहमान और शहाबुद्दीन को देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई भी नहीं पकड़ पाई। बताया जाता है कि वर्तमान में अताउर्रहमान पाकिस्तान के कराची शहर से जुर्म की दुनिया में सक्रिय है। भगोड़े शूटर अताउर्रहमान और शहाबुद्दीन दोनों का नाम बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के हाई प्रोफाइल मर्डर में भी बताया जाता है। माना जा रहा है कि अपराध और अपराधियों को मटियामेट करने की योजना बनाए बैठी योगी सरकार ऐसे भगोड़ों को भी गिरफ्त में लेने के लिए गंभीर कदम उठा सकती है।