तो क्या खतरे में है भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ? 24 घंटों से डांवाडोल है ऐतिहासिक स्तूप की धरती





वाराणसी। भगवान बुद्ध की उपदेशस्थली सारनाथ पर खतरा मंडरा रहा है। पिछले 24 घंटे से सारनाथ की धरती डोल रही है। सोमवार की सुबह से सारनाथ के जापानी मंदिर के करीब धरती के अंदर कंपन शुरू हुई जो पूरे दिन इलाके के लोगों को महसूस होती रही। 50 मीटर के दायरे में रुक-रुक कर झटके महसूस किए गए। सारनाथ में जमीन के अंदर इस हलचल के बाद अब ऐतिहासिक धम्मेख और चौखंडी स्तूप पर भी खतरे का बादल मंडरा रहा है। लोगों को अब ये डर सताने लगा है कि धरती में हो रहे इस कंपन के कारण कहीं इन ऐतिहासिक धरोहरों को कोई नुकसान न हो। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये कोई भूकंप का झटका नहीं है। बीएचयू के भूकंप वैज्ञानिक संदीप गुप्ता के मुताबिक, धरती के अंदर बन रही गैस के कारण ऐसी स्थिति होती है। हालांकि सारनाथ की धरती क्यों डोल रही है इसका पता लगाने के लिए मंगलवार को एक्सपर्ट की टीम सारनाथ जाएगी। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने ये जानकारी दी है। इन विशेषज्ञों की टीम में भू वैज्ञानिकों के साथ एएसआई की टीम भी शामिल की गई है, जो पूरे स्थिति का आंकलन करेगी। वहीं स्थानीय निवासी रविंद्र की मानें तो सोमवार की सुबह से पूरे दिन में कई बार धरती के अंदर से कंपन हुआ जिसे सब लोगों ने महसूस किया। कंपन के दौरान दुकानों के शटर, कुर्सी और टेबल मेज तक हिल रहे थे। ये झटके बिलकुल वैसा था जैसा भूकंप के दौरान महसूस किया जाता था। इन झटकों के दौरान लोग डर के कारण घरों से बाहर भी भागते रहे।



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