सैदपुर : पेट पर चीरा लगाने से गर्भवती व अजन्मे शिशु की मौत के बाद भितरी मोड़ पर घंटों हुआ चक्काजाम, सीएमओ ने सील कराया अस्पताल





सैदपुर। थानाक्षेत्र के जौहरगंज निवासिनी गर्भवती महिला व उसके अजन्म बच्चे की मौत के बाद भितरी मोड़ स्थित कोल्ड स्टोरेज के सामने स्थित निजी अस्पताल के सामने उक्त महिला का शव सड़क पर रखकर परिजनों ने चक्काजाम किया और फिर घंटों तक हंगामा काटा। आखिरकार जिला मुख्यालय से सीएमओ सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और अस्पताल को सील कराया, इसके बाद जाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ले जा सकी। सील किए जाने के बावजूद परिजन चिकित्सकों को बुलाने की मांग को लेकर शव नहीं ले जाने दे रहे थे। इस मामले में नामजद तहरीर देते हुए मृतका के देवर पवन निषाद ने बताया कि उसकी भाभी 32 वर्षीय अनीता निषाद पत्नी भगवान दास गर्भवती थी। आज भोर में उसे प्रसव पीड़ा हुई तो तड़के करीब 4 बजे उसे लेकर हम सैदपुर सीएचसी पहुंचे। वहां ड्यूटी पर मौजूद एक महिला कर्मी ने कहा कि तत्काल ऑपरेशन जरूरी है। जिसके बाद उसने कहा कि महिला को लेकर कोल्ड स्टोरेज के सामने स्थित यश अस्पताल पर लेकर चले जाएं। उक्त कर्मी के कहने पर सभी अनीता को लेकर यश हॉस्पिटल में पहुंच गए। वहां मौजूद चिकित्सक ने इमरजेंसी बताते हुए अनीता को तत्काल ऑपरेशन के लिए ले गए। 15 मिनट बाद बाहर आए और मरीज को वाराणसी ले जाने को कहा। उसने बताया कि अनीता के पेट पर बड़ा सा चीरा लगाकर उस पर टेप लगाया गया था। इसके बाद हम उसे लेकर वाराणसी गए, लेकिन अनीता की जान नहीं बच सकी। इधर गर्भवती व अजन्मे बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने पहले थाने के सामने और वहां से अस्पताल के सामने शव रखकर चक्काजाम कर दिया। इधर घटना की जानकारी होने के बाद एसडीएम रवीश गुप्ता, तहसीलदार देवेंद्र यादव व कोतवाल विजयप्रताप सिंह मय फोर्स मौके पर पहुंचे। परिजनों ने कहा कि वो डीएम के आने तक शव नहीं हटाएंगे। इसके करीब डेढ़ घंटे तक समझाने व अस्पताल को तत्काल सील कराने की बात पर उन्होंने शव को बीच सड़क से हटाकर किनारे कर लिया और वहां धरने पर बैठ गए। इसके बाद सीएचसी अधीक्षक डॉ. संजीव सिंह अस्पताल को सील करने पहुंचे। तभी निजी अस्पताल पंजीयन के नोडल व एसीएमओ मुंशीलाल मौके पर पहुंचे। कुछ ही देर बाद जिले के सीएमओ डॉ. देशदीपक पाल भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद बारी-बारी अस्पताल के सभी कक्षों को सील किया गया। वहां मौजूद अस्पताल की दो नर्सों से पूछताछ की। वहां किसी भी मरीज का रजिस्टर नहीं मिला, न ही कोई मरीज मिला। जिसके बाद ऑपरेशन कक्ष के सभी सामानों आदि को कब्जे में ले लिया। वहीं अस्पताल परिसर में ही चल रहे मेडिकल स्टोर से भी दवाओं का नमूना लिया। इधर सीएमओ ने कहा कि यहां आने पर अस्पताल प्रबंधन का कोई व्यक्ति नहीं मिला। जिसके चलते उसे सील किया जा रहा है। साथ ही अस्पताल के खिलाफ एफआईआर कराया जा रहा है। एक मौत होने के बाबत पीड़ित द्वारा तो तहरीर दी ही जाएगी, विभाग भी इसमें मुकदमा कराएगा। लाइसेंस के बाबत कहा कि यश अस्पताल का लाइसेंस था लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए आज शाम तक अस्पताल का लाइसेंस रद कर दिया जाएगा। इधर अस्पताल को सील किए जाने के बावजूद बाहर मौजूद महिलाएं उग्र हो गई थीं। घर के पुरूषों सहित पूर्व चेयरमैन शशि सोनकर, पूर्व सभासद राजेश सोनकर, तारकेश्वर निषाद आदि के समझाने के बावजूद वो शव को पुलिस के हवाले करने को तैयार नहीं थीं। उनकी मांग थी कि अस्पताल के चिकित्सकों को बुलाया जाए और वो वहीं पद बदला लेंगी, तभी शव जाने देंगी। आखिर में इस तरह की महिलाओं को वहां से हटाकर शव को एंबुलेंस में रखा गया और फिर बासूपुर चौकी पर ले जाकर शव को सील करके पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ था। मृतका एक 4 साल का पुत्र दिव्यांशु व एक 6 साल की बेटी अमृता को छोड़ गई है। पति दुबई में काम करता है और सूचना पाकर उसे बुलाया गया है। इधर घटना के बाबत अस्पताल संचालक कन्हैया यादव ने कहा कि महिला अस्पताल में आई थी लेकिन उसकी हालत देखकर बिना कुछ किए ही रेफर कर दिया गया था। कहा कि उसके पेट पर जो चीरा लगाया गया है, वो यहां नहीं बल्कि उसे वाराणसी में जहां लेकर गए थे, वहां लगाया गया होगा। कहा कि हम उस अस्पताल में जाकर सीसीटीवी फुटेज मांगेंगे।



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