अब सामान्य बच्चों की तरह चल सकेंगे दिव्या और सत्यम, मिरेकल फीट के तहत 4 को लगाया गया प्लास्टर





गाजीपुर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एवं मिरेकल फीट फाउंडेशन के सहयोग से राजकीय मेडिकल कॉलेज में अब तक 40 से ज्यादा बच्चों का निःशुल्क इलाज किया जा चुका है। ये बच्चे क्लबफुट यानी टेढ़े पंजे के विकार से पीड़ित थे। जिला अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात अग्रहरि द्वारा 4 बच्चों का बुधवार को पोनसेटी मेथड से प्लास्टर लगाया गया। जल्द ही इन बच्चों की टेनोटॉमी कर उनके टेंडेंट को ढीला किया जायेगा। ताकि उनके पैरों को प्राकृतिक स्थिति प्रदान की जा सके। डॉ. प्रभात ने बताया कि क्लब फुट एक जन्मजात विकृति है। इसमें जन्म के समय से ही बच्चों के पैर का पंजा मुड़ा हुआ होता है। उन बच्चों के पैरों के उपचार के लिये पोंसेटी तकनीकी के सहयोग से क्लब फुट का उपचार संभव है। इसमें धीरे-धीरे बच्चे के पैर को बेहतर स्थिति में लाना है और फिर इस पर एक प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है, जिसे कास्ट कहा जाता है। यह हर सप्ताह 5 से 8 सप्ताह तक के लिए दोहराया जाता है। आखिरी कास्ट पूरा होने के बाद, अधिकांश बच्चों के टेंडेंट को ढीला करने के लिए एक मामूली ऑपरेशन (टेनोटॉमी) की आवश्यकता होती है। यह बच्चे के पैर को और अधिक प्राकृतिक स्थिति में लाने में मदद करता है। जिससे पैर फिर से अपनी मूल स्थिति पर वापस न आ जाए। इसके बाद बच्चा 4 सालों तक ब्रेस या विशेष प्रकार के जूते पहनता है, जिसे मिरेकल फीट फाउंडेशन द्वारा निःशुल्क दिया जाता है। फाउंडेशन के प्रोग्राम एक्जिक्यूटिव आनंद कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि 0 से डेढ़ साल तक के बच्चे इस निःशुल्क इलाज का लाभ ले सकते हैं। हमारी संस्था द्वारा बच्चों के प्लास्टर में लगने वाला जिप्सोना तथा ब्रेस निःशुल्क प्रदान किया जाता है। कभी-कभी इस प्रक्रिया के काम नहीं करने का मुख्य कारण यह होता है कि ब्रेस लगातार उपयोग नहीं किये जाते हैं।



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