उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त हुआ 2021 का महापर्व, दो साल के प्रतिबंधों के बाद खुलकर मना छठ





सैदपुर। सूर्योपासना व आस्था का 4 दिवसीय महापर्व गुरूवार की सुबह उदयाचल भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने के साथ ही समाप्त हो गया। दो सालों से छठ का आयोजन पूर्ण रूप से न हो पाने के चलते अबकी बार जनउत्साह कई गुना ज्यादा रहा। कोरोना के गाइडलाइंस को धता बताते हुए क्षेत्र के सभी घाटों पर भारी भीड़ जुटी और भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया। इसी क्रम में सैदपुर नगर के बूढ़ेनाथ महादेव घाट, पक्का घाट, संगत घाट, महावीर घाट, रामघाट, रंगमहल घाट, जौहरगंज आदि घाटों पर भोर करीब 3 बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। बूढ़ेनाथ महादेव घाट को अबकी बार दुल्हन की तरह से सजाया गया था। पूरब बाजार मोड़ से छठ स्थल तक करीब 15 स्वागत द्वार बनाए गए थे। इसके अलावा घाट को सजाया गया था। सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग का सबसे शानदार इंतजाम बूढ़ेनाथ महादेव घाट पर ही देखने को मिला। पूरी मेहनत गंगा सेवा संघ के सदस्यों ने मिलकर की थी। वहीं पक्का घाट भी किसी से पीछे नहीं रहा। यहां सजावट थोड़ी कम रही लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से शानदार प्रयास किए गए थे। कैमरे व ड्रोन कैमरों से हर एक की निगरानी की जा रही थी। जिसके चलते अबकी बार यहां किसी तरह की अराजक घटना नहीं हो सकी। वहीं घाट किनारे न पहुंच पाने की लोगों की कसक दूर करने के लिए एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी। जिस पर लोग दूर से ही आयोजन देख रहे थे। संगत घाट पर भी व्यवस्था काफी सुदृढ़ रही। साफ सफाई व सजावट बेहतरीन रहा। महावीर घाट, रामघाट, रंगमहल घाट आदि स्थानों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। नगर पंचायत व स्थानी युवाओं ने मेहनत करके घाटों की सफाई की थी व उसे पानी से धोया था। वहीं उपजिलाधिकारी ओमप्रकाश गुप्ता, क्षेत्राधिकारी बलराम, तहसीलदार नीलम उपाध्याय, लेखपाल धीरेंद्र सिंह आदि नाव से चक्रमण करके जायजा ले रहे थे। इसके अलावा आमजन को नाव से तफरीह करने पर प्रशासन ने रोक लगाई थी। साथ ही नदी में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए छठ पर नदी में व्रती महिलाओं के अलावा बाकियों के नहाने पर भी प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया था।

सैदपुर। क्षेत्र के ककरहीं गांव निवासी उत्तर प्रदेश हाफेड के निदेशक संजय सिंह ने भी महापर्व डाला छठ में वैदिक रीति रिवाजों के साथ शिरकत कर अस्ताचल व गुरूवार की सुबह उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देकर किसानों के लिए मंगल कामना की।

नंदगंज। महापर्व डाला छठ पर गुरूवार की सुबह ईशोपुर, दवोपुर, रामपुर बंतरा, श्रीगंज, धरवाँ, बेलासी, बेलसड़ी, मुड़कटनी, देवसिहां आदि गांवों की व्रती महिलाओं ने बरहपुर देवी माई घाट पर उदयाचल सूर्य को अर्घ्य दिया। इस बार दोनों किनारे पर करीब 1200 वेदियां बनाई गयी हैं, जो गत वर्षों से अधिक हैं। इस दौरान छठ मेला में कोविड प्रोटोकॉल के विपरीत हजारों की भीड़ एकत्र हो गयी। मेला में चाय-पकौड़ी, खिलौना व गुब्बारा आदि की अनेकों दुकानें लगी रहीं। रामलीला समिति बरहपुर द्वारा गांगी नदी घाट की साफ सफाई, रास्तों पर झालर बत्ती से सजावट की गयी थी। वहीं रात में जागरण के लिए धार्मिक आर्केस्ट्रा भी आयोजित किए गए। रामलीला समिति के कार्यकर्ता बुजुर्ग महिलाओं को घाट तक पहुँचाने में सहयोग करते दिखे। पुलिस प्रशासन घाट, गांगी पुल व आसपास के क्षेत्र में चक्रमण करती रही।

देवकली। इसी क्रम में गांगी नदी के तटवर्ती क्षेत्र देवकली, तरांव, बासूचक, सोन्हुली, भितरी, आगापुर, महमूदपुर हथिनी, बासूपुर, खोजनपुर, राजनपुर, बरहपुर, नैसारा, मउपारा आदि गांवों उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए गुरूवार की भोर से ही भीड़ जुट गई थी। इसके अलावा गंगा नदी के तटवर्ती रामपुर मांझा, दुबैथा, चकेरी, देवचंदपुर, मंझरियां, तुर्कही, फुलवारी, मीरपुर तिरवाह, मटखन्ना, सरौली आदि गांवों में भीड़ का जुटान होने से मेले जैसा माहौल हो गया था।



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