लगातार दूसरे वर्ष भी नहीं मना दशहरा, दो साल पूर्व जले रावण के सूने अस्थिपंजर चिढ़ाते रहे नगरवासियों को मुंह
सैदपुर। नगर में लगातार दूसरे साल भी दशहरे का पर्व नहीं मनाया गया। जिसके चलते नगर दशहरे का प्रमुख पर्व भी नगर में नहीं आयोजित हो सका। दूसरे साल भी पर्व के आयोजन न होने से नगर सूना रह गया और लोगों के चेहरे बुझ गए। नगर में दो साल पूर्व काफी प्राचीन रामलीला हुआ करती थी लेकिन कोरोना काल के दौरान भी रामलीला का आयोजन नहीं हुआ, वहीं अबकी बार प्रशासन के खुले में रामलीला कराने के आदेश के बावजूद रामलीला का आयोजन नहीं किया गया। रामलीला समिति द्वारा अबकी बार भी लीला न कराने का पहले ही निर्णय ले लिया गया था। जिसके चलते न सिर्फ रामलीला मंच सूने रहे, बल्कि दशहरे के दिन पड़ाव का मैदान भी पूरी तरह से सूना रहा। वहां पर दो सालों पूर्व जलाए गए रावण पुतले के लकड़ी के बचे हुए अवशेष अब भी दो सालों के पूर्व के रामलीला के भव्यता की गवाही दे रहे थे। हालांकि मैदान में किसी व्यक्ति द्वारा लगाई गई कपड़ों आदि की प्रदर्शनी के चलते वहां नगर के कुछ लोग पहुंचे थे। जिसके चलते वहां खिलौने आदि बेचने वालों ने भी दुकानें लगाई थीं। नगर में दशहरा का आयोजन न होने से नगरवासी बेहद दुःखी भी दिखे।