हृदयविदारक : अलाव से निकली चिंगारी ने लील ली मड़ई, 3 मासूम जिंदा जले, दंपति की हालत गंभीर





जमानियां। थानाक्षेत्र के लहुआर गांव में ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों यहां बीती रात को कहर बरप गया। बीती रात एक मजदूर की झोपड़ी में आग लगने से 2 मासूम जिंदा जल गए, वहीं एक अन्य मासूम समेत उसके मां व बाप गंभीर रूप से झुलस गए। उपचार के लिए ले जाने के के बाद तीसरे मासूम की भी मौत हो गई। वहीं दंपति का उपचार जारी है। इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे जिले में कोहराम मचा हुआ है। चंदौली के दिग्गी निवासी बबलू वनवासी 35 अपने परिवार के साथ लहुआर गांव स्थित ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता था। बीते 3 माह से वो पत्नी भागीरथी 32 व तीन मासूम बच्चे डमरू 4, चंद्रिका 6 व पूजा 10 के साथ भट्ठे पर ही मड़ई बनाकर रहता था और पत्नी के साथ यहीं काम करता था। उसकी बेटी पूजा भी हाथ बंटाती थी। रोज की तरह बुधवार की रात में सभी खाना खाकर सोने चले गए। लोगों के अनुसार, भट्ठे पर ठंड से बचने के बाद अलाव जलाया गया था। संभवतः अलाव की लकड़ी से ही देररात करीब 2 बजे निकली चिंगारी उसकी मड़ई में लगी और देखते ही देखते मड़ई धू-धूकर जलने लगी। जिसके बाद आस पास के मजदूर शोर मचाते दौड़े तो बबलू भी दौड़ा। इस बीच भागीरथी अपने तीनों बच्चों के साथ अंदर ही फंस गई। किसी तरह से लोगों ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक चंद्रिका व पूजा की जिंदा जलने से दर्दनाक मौत हो चुकी थी, वहीं मासूम डमरू, भागीरथी व बबलू गंभीर रूप से झुलस गए थे। आनन फानन में उन्हें जिला अस्पताल से वाराणसी रेफर किया गया। लेकिन डमरू ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहीं दंपति की हालत अब भी गंभीर है। इधर सूचना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। पूरे प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इधर अन्य मजदूरों में हड़कंप मचा हुआ है।



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