टीबी के लक्षण, इलाज आदि के बाबत जागरूक किये गये पीआरडी जवान, लोगों को जागरूक कर नये मरीजों को खोजने में मदद की अपील





गोरखपुर। ‘क्षय रोग (टीबी) का सम्पूर्ण इलाज संभव है। समय से पहचान हो जाने पर इसका न केवल आसानी से इलाज हो जाता है, बल्कि उपचाराधीन मरीज से दूसरे लोग संक्रमित भी नहीं होते हैं। इसके विपरीत, टीबी की पहचान न होने पर यह गंभीर रूप ले लेती है। जो लोग सम्पूर्ण उपचार नहीं लेते हैं और बीच में दवा बंद कर देते हैं या फिर दवाओं के सेवन में अनियमितता रखते हैं, उनमें जटिलताएं और अधिक बढ़ जाती हैं और वह ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के मरीज बन जाते हैं। ऐसे में समाज में संदेश दें कि लक्षण दिखने पर शीघ्र इलाज शुरू करना है और सम्पूर्ण इलाज करवाना है।’ राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत यह संदेश जिले के दर्जनों प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों को विकास भवन में मंगलवार को आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला में दिया गया। सभी जवानों से अपील की गई कि वह समाज में जागरूकता पैदा कर नये टीबी मरीजों को खोजने में मदद करें। जवानों को टीबी के लक्षणों, उपचार और राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के सभी पक्षों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव और जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के अधिकारी अमित कुमार सिंह की मौजूदगी में प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वह टीबी उन्मूलन में सहयोग प्रदान करेंगे। उप जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव ने सभी जवानों को विस्तृत जानकारी दी। बताया कि अगर दो सप्ताह से अधिक की खांसी हो, रात में पसीने के साथ बुखार आ रहा है, तेजी से वजन घट रहा हो, भूख न लगती हो, सांस फूलती हो या बलगम में खून आ रहा हो तो यह टीबी भी हो सकती है। इन लक्षण वाले मरीजों को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करानी चाहिए। जांच और इलाज की सम्पूर्ण सुविधा सरकारी तंत्र में उपलब्ध है। त्वरित पहचान हो जाने पर ड्रग सेंसिटिव टीबी का मरीज सिर्फ छह माह में ठीक हो जाता है। लापरवाही करने पर जब टीबी ड्रग रेसिस्टेंट हो जाती है तो इलाज में डेढ़ साल और कई बार दो साल तक का समय लग जाता है। इस दौरान अमित सिंह ने आश्वस्त किया कि टीबी उन्मूलन का संदेश जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। जिले में कार्यरत करीब 600 से अधिक पीआरडी जवानों को प्रशिक्षित जवान जागरूक करेंगे और उनकी मदद से टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। इस मौके पर अभय नारायण मिश्र, मिर्जा आफताब बेग, डब्ल्यूएचओ से डॉ नोवेल राज, देवेश कुमार, अरूण सिंह, आशीष, आशा मुनि आदि रहे।



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