भारत की प्राचीन परंपरा का निर्वहन कर बाल विकास व पुष्टाहार विभाग ने की गर्भवतियों की गोदभराई





ग़ाज़ीपुर। भारतीय समाज में गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की परंपरा काफी प्राचीन समय से चली आ रही है। देश व समाज की इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं की पूरी देखरेख करने के लिए गोदभराई दिवस समारोह भी आयोजित किया जाता है। इसी के तहत शुक्रवार को पूरे जनपद में गोदभराई व मातृ समिति के साथ कुपोषण के सन्दर्भ में एवं उसके उपाय के विषय पर गोदभराई दिवस मनाया गया। इसी क्रम में गोदभराई दिवस नगर के सकलेनाबाद, मुस्तफाबाद, मुफ़्तीपुरा आदि स्थानों पर मनाए जाने के अलावा जनपद के सभी 4,118 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बाल विकास परियोजना अधिकारियों की देखरेख में 96 सुपरवाईजर के साथ मनाया गया। इस दौरान हर केंद्रों पर कार्यक्रम में हर वर्ग के लोगों व जनसमुदाय को जागरूक किया गया जिसमें गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व 4 जांचें व आयरन की नियमित 6 महीने तक विटामिन सी की 180 गोलियों को अनिवार्य रूप से देने आदि विषयों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया। जिला स्वस्थ भारत प्रेरक जितेंद्र गुप्ता ने सभी को कुपोषण के खिलाफ लड़ने के लिए संकल्प दिलाया ताकि प्रत्येक जच्चा-बच्चा को कुपोषण से बचाया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने शिशु के पहले हजार दिन में 270 दिन गर्भवती महिला का ख्याल और 730 दिन अर्थात 2 वर्ष तक शिशु की सम्पूर्ण देखरेख को महत्वपूर्ण बताया। बताया कि प्रसव के पश्चात 1 घंटे के अंदर तथा 6 महीने तक बच्चे को नियमित रूप से मां का दूध पिलाना अत्यंत आवश्यक है। इससे बच्चे के साथ ही मां को भी बीमार होने से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होने किशोरियों में एनिमिया को दूर करने के लिये आयरन की गोली व हरी पत्तेदार सब्जियों को नियमित खाने की सलाह दी। वहीं पुष्टाहार से बने विभिन्न प्रकार के लज़ीज़ व्यंजन खाने पर विशेष ध्यान के लिये कहा गया। इस मौके पर राजू, कमलावती, चंद्रावती, नसीरा बानो, कृष्णा, कंचन बाला आदि मौजूद थे।



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