रंगमहल घाट पर हुआ विद्वत सम्मान समारोह का आयोजन, वाराणसी से आये प्रोफेसर व प्राण प्रतिष्ठा करने वाले कारीगर भी हुए सम्मानित
सैदपुर। नगर के रंगमहल घाट पर नवनिर्मित मन्दिर में शिव परिवार, राम दरबार व शनिदेव की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के बाद साधु संतों व विद्वतजनों का विद्वत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से आये अध्यक्ष सहित बीते एक सप्ताह से प्राण प्रतिष्ठा कार्य मे जुटे कई विद्वानों व साधु- संतों को सम्मानित किया गया। इस दौरान आयोजक मंडल की तरफ से नगर निवासी डॉ पीएन सिंह व झारखंड विश्वकर्मा ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय, बीएचयू वाराणसी के व्याकरण विभाग के प्रोफेसर और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य प्रोफेसर बृजभूषण ओझा, बीएचयू के पूर्व वेद विभाग व वैदिक विज्ञान केंद्र के समन्वयक प्रोफेसर उपेंद्र त्रिपाठी, रानी पद्मावती संस्कृत महाविद्यालय के वेद कर्मकांड विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नरेंद्र शास्त्री, स्वर्ण पदक प्राप्त व ज्योतिषाचार्य शैलेश उपाध्याय व यज्ञाचार्य राजेश्वर पांडेय का माल्यार्पण, अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न व रुद्राक्ष की माला देकर सम्मानित किया। सम्मान पाने के बाद विद्वतजनों ने बुलाने के लिये आभार ज्ञापित किया। उनके अलावा मन्दिर में प्रतिमा को स्थापित करने वाले कारीगर को भी सम्मानित किया गया, जिसे पाकर वो प्रसन्न हो उठे। प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि सैदपुर के लोग बड़े ही सौभाग्यशाली हैं कि उनका जन्म बाबा श्यामदास की तपोस्थली पर हुआ है। कहा कि आज मुझे भी यहां आकर बेहद गौरवान्वित महसूस हो रहा है। कहा कि हम सभी को जब भी मौका मिलेगा, हम यहां जरूर आएंगे। इसके बाद उन्होंने आज कल समाज में चल रहे बुफे सिस्टम को लेकर जागरूक किया। कहा कि पहले के समय में लोग बैठकर खाना खाते थे और स्वस्थ रहते थे लेकिन आजकल बुफे सिस्टम से खाना खाते हैं और बीमारियों से परेशान रहते हैं। कहा कि पहले के समय में चप्पल जूते रसोई घर से काफी दूर रहते थे और आजकल तो लोग खाना भी चप्पल जूते पहनकर खा लेते हैं। इस परंपरा को रोकने की उन्होंने अपील की। कहा कि बीते एक सप्ताह से इस मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्य के समाप्त होने के बाद महाशिवरात्रि को रुद्राभिषेक, 9 मार्च को सन्त भंडारा व 10 मार्च को महाभण्डारा का आयोजन होगा। इस मौके पर आलोक बरनवाल, नागेश्वर बरनवाल, गणेश गुप्ता, दीपक जायसवाल, मुन्ना यादव, रमेश यादव, कल्लू पुजारी आदि रहे।