लेखपालों पर लगा गंभीर आरोप, एसडीएम ने दिया कार्रवाई का भरोसा



विंध्येश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। क्षेत्रीय लेखपालों द्वारा आय, जाति प्रमाणपत्रों को जारी करने करने में जान बूझकर देरी की जा रही है। जिसके चलते आमजन के साथ ही क्षेत्र के सहज जनसेवा केंद्र संचालक भी आजिज आ चुके हैं। शिकायत करने पर लेखपालों द्वारा संगठन का धौंस देकर उन्हें चुप करा दिया जाता है। इन दिनों प्रतियोगी परीक्षाओं या विद्यालयों में छात्रवृत्ति आदि अथवा प्रवेश के लिए आय, जाति व निवास प्रमाणपत्रों की आवश्यकता छात्रों या अन्य लोगों को होती है। जिसके चलते वो सहज जनसेवा केंद्रों पर जाते हैं लेकिन आवेदन करने के काफी दिनों बाद तक उनके प्रमाणपत्र नहीं आते हैं। जिसके चलते कई बार कईयों के प्रवेश तक बाधित हो जाते हैं। क्षेत्र के केंद्र संचालक प्रमोद, नागेंद्र, अरविंद, साधव, राजेश आदि का आरोप है कि लेखपाल अवैध वसूली के लिए न सिर्फ प्रमाणपत्रों को जारी करने में काफी देरी करते हैं बल्कि कई बार तो वो प्रमाणपत्रों को निरस्त तक कर देते हैं। जिसके चलते आवेदकों को बार बार तहसील का चक्कर काटना होता है। जबकि प्रदेश सरकार के आदेशानुसार अभिभावकों द्वारा सेल्फ डिक्लियरेशन के आधार पर उन्हें प्रमाणपत्र बना कर दे देना है और लेखपालों को सिर्फ सत्यापित करना होता है। अब लेखपालों द्वारा फॉर्म के उसी प्रारूप पर कुछ लोगों को प्रमाणपत्र जारी कर देना और कुछ लोगों का रोक देना समझ से परे है। सात दिन की समयावधि में प्रमाणपत्र जारी करने के आदेश की अवहेलना करते हुए यही लेखपाल प्रमाणपत्रों को जारी करने में 20 से 30 दिनों का भी समय लगा दे रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने बताया कि लेखपाल आवेदकों से सुविधाशुल्क लेकर प्रमाणपत्रों को सत्यापित करते हैं और शिकायत की धमकी देने पर संगठन की धौंस देते हैं। इस बाबत उपजिलाधिकारी डा. वेदप्रकाश मिश्र ने कहा कि इस तरह की शिकायत तो अब तक नहीं मिली है। लेकिन अगर ऐसी शिकायत मिलती है तो संबंधित लेखपाल के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।



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