अरसे से जर्जर है गाजीपुर-आजमगढ़ सीमा पर 1 किमी सड़क, मां विंध्यवासिनी की 7 बहनों में एक टड़वा भवानी का यहां है बसेरा



अमित सहाय



बहरियाबाद। जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी पश्चिमोत्तर में आजमगढ़ जनपद के सीमा पर स्थित बेसो नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध “कवलापति धाम, टड़वा भवानी मंदिर“ से पलिवार तक का लगभग एक किमी मार्ग बीते काफी समय से पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। लेकिन विभाग इस दिशा में कोई सुध नहीं ले रहा है। उक्त मार्ग बहरियाबाद वाया पलिवार-रायपुर होते हुए खरिहानी आजमगढ़ के लिए जाता है। इस सड़क से होकर रोजाना हजारों लोगों का आवागमन भी होता है। रायपुर से पलिवार तक की सड़क पिच है। उधर बेसो नदी के उस पार आजमगढ़ की सड़क भी पिच है। लेकिन बीच में पलिवार से टड़वा भवानी तक की एक किमी सड़क पूरी तरह से जर्जर होकर खत्म हो चुकी है जिस पर आने के बाद राहगीर भी परेशान हो जाते हैं। टड़वा भवानी धाम पर प्रतिदिन विशेषकर देवी नवरात्रि में हजारों की संख्या में गांव ही नहीं बल्कि दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं। आये दिन दर्शन करने व मुंडन इत्यादि कराने तथा मन्नतें पूरी होने पर पूजा-पाठ कराने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन इस महज एक किमी की सड़क के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस जर्जर सड़क पर कई लोग घायल भी हो चुके हैं। इस धाम को लेकर ऐसी मान्यता है कि टड़वा भवानी मां विंध्यवासिनी की सात बहनों में एक हैं। तरवां, आजमगढ़ निवासी व पूर्व राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने टड़वा भवानी धाम को पर्यटन की दृष्टि से आगे लाने के लिए काफी कुछ किया। हुसेनपुर मुर्थान निवासी एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य राम अवध यादव भी धाम पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बराबर प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने व क्षेत्रीय नागरिकों ने जिलाधिकारी सहित विभाग के उच्च अधिकारियों से धाम की महत्ता एवं इस मार्ग पर के राहगीरों की समस्या को देखते हुए क्षतिग्रस्त सड़क की तत्काल मरम्मत कराने की मांग की है।



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