जिला जेल में कैदियों का किया गया नेत्र परीक्षण, 15 दृष्टिदोष के व 3 मोतियाबिंद के मिले मरीज





ग़ाज़ीपुर। राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत बुधवार को गाजीपुर के जिला जेल में बंदियों का निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर के माध्यम से आंखों की जांच की गई। इस शिविर में कुल 21 बंदियों की जांच हुई जिसमें तीन मोतियाबिंद के मरीज पाए गए। 15 मरीज दृष्टिदोष के पाए गए। यह जानकारी राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. डीपी सिन्हा ने दी इस कार्यक्रम के लिए उत्तर प्रदेश शासन से 14 मार्च 2019 को पत्र भेजा गया था जिसमें जनपद के कारागार में बंद बंदियों की नेत्र परीक्षण के लिए शिविर आयोजित किए जाने को लेकर निर्देश दिया गया था। इस क्रम में 5 अप्रैल को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीसी मौर्य के माध्यम से अधीक्षक कारागार को बंदियों का नेत्र परीक्षण हेतु पत्र भेजा गया था जिसमें पूरे एक साल का नेत्र परीक्षण शिविर की बात कही गई थी। इसी क्रम में बुधवार को जिला अस्पताल के नेत्र सर्जन डॉ॰ धर्मेंद्र कुमार और नेत्र परीक्षण अधिकारी शंभू शरण सिंह के द्वारा निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। डॉ. डीपी सिन्हा ने बताया कि अमूमन ये दृष्टि दोष 40 की उम्र पार करने के बाद लोगों में पाया जाता है जिसके लिए डॉक्टरों की टीम ने इन सभी लोगों को परामर्श दिया। वहीं मोतियाबिंद के पाए गए मरीजों को उनकी इच्छानुसार ऑपरेशन कराने की सलाह भी दी गयी। बताया कि अब जल्द ही दृष्टि दोष के पाए गए बंदियों को उनकी जरूरत के अनुसार चश्मा और दवा का वितरण भी किया जाएगा।



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