भांवरकोल : श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ के 5वें दिन हुआ श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का जीवंत वर्णन





भांवरकोल। क्षेत्र के शेरपुर खुर्द में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन व्यासपीठ व गुरु पूजन के बाद कथा का आयोजन किया गया। जिसमें कथा व्यास राजेश महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का जीवंत वर्णन किया। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र अत्यंत ही विलक्षण व कर्मयोगी रहा है। उन्होंने बालपन से लेकर जीवन पर्यंत अपनी लीलाओं से संसार को भवसागर के पार उतारा है। कहा कि प्रभु ने बाल लीलाओं के जरिए भी संसार के लिए संदेश दिए हैं। बालपन में अनेकों दैत्यो का वध करने में भी लीला रही और संसार से बुरी आत्माओं को चुनकर परलोक भेज देना भी उन्हीं की लीला रही। भगवान के हाथों मरने से भी दुरात्माओं को मोक्ष की प्राप्ति हुई और संसार में शांति की स्थापना हो सकी। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप को देखने के लिए भगवान भोलेनाथ आए और दर्शन किया। भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन में जाकर गाय चराया और गौ सेवा की, इसीलिए गाय की सेवा प्रत्येक घर में होनी चाहिए। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कालीदह से कालिया नाग को निकाला। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में पूतना वध, कंस समेत अनेक दैत्यों का वध करके संसार में शांति स्थापित करना भी उनके जीवन का लक्ष्य रहा। इस दौरान गोपियों संग श्रीकृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन किया गया। कहा कि नई पीढ़ी में भगवान की लीलाओं का गलत तरीके से प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने संस्कृति को बचाने के लिए धर्म के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। इस मौके पर मुख्य यजमान प्रधान अंजली राय, जयानंद राय, डॉ. सत्यानन्द राय, नीलम देवी, डॉ हिमांशु राय, राजेन्द्र राय, आलोक राय, आशुतोष राय, डब्लू राय, ज्ञानेंद्र राय, बालाजी राय, मनीष राय, उमेश यादव आदि रहे।



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