11 से 31 जुलाई तक चलेगा विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा, आपसी समन्वय से शहरी क्षेत्र में सफल बनाने की अपील





गोरखपुर। ‘शादी होने पर पहला बच्चा कम से कम दो साल बाद प्लान करें। दो बच्चों के बीच न्यूनतम तीन साल का अंतर रहना चाहिए। बच्चे एक रहें या दो, लेकिन नियोजन के साथ होने चाहिए। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए परिवार नियोजन के अस्थायी और स्थायी साधनों के जरिये प्रत्येक दंपति की मदद करता है। इस संदेश को घर-घर पहुंचाकर शहरी क्षेत्र में विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े को सफल बनाएं।’ उक्त बातें एसीएओ परिवार कल्याण डॉ एके चौधरी ने कहीं। शहरी समन्वय समिति की बैठक इस माह 11 से 31 जुलाई तक प्रस्तावित पखवाड़े को सफल बनाने के लिए विस्तृत चर्चा करते हुए पीएसआई इंडिया संस्था के फीडबैक के आधार पर की गई। एसीएमओ ने कहा कि पखवाड़े को सफल बनाने में स्वयं सहायता समूहों की खासतौर से मदद ली जा सकती है। इन समूहों की महिलाओं को परिवार नियोजन के ‘बॉस्केट ऑफ च्वाइस’ की पूरी जानकारी दी जाए और उन्हें प्रेरित किया जाए कि वह समुदाय की सभी महिलाओं तक यह जानकारी पहुंचाएं। इससे लाभार्थियों की संख्या बढ़ेगी और अनचाहे गर्भधारण से बचाव होगा। डूडा के प्रबन्धक नेसार खान ने आश्वस्त किया कि डूडा से जुड़े समूह न केवल परिवार नियोजन बल्कि अन्य कार्यक्रमों में भी हरसंभव सहयोग करेंगे। डॉ चौधरी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के घर पर भी परिवार नियोजन बॉक्स का डिपो बनाने के बारे में चर्चा हुई। यह बॉक्स केंद्र पर प्रदर्शित नहीं किये जाएंगे, लेकिन कार्यकर्ता के पास मौजूद रहेंगे। इस मौके पर कृति पाठक, प्रियंका सिंह, डिप्टी सीएमओ डॉ हरिओम पांडेय, डीसी डॉ प्रीति सिंह, सुरेश सिंह चौहान, फैजान, आरबीएसके डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, डॉ एके वर्मा, पवन सिंह आदि रहे।



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