भाजपा प्रत्याशी पारसनाथ राय के विरोध के सवाल पर आरएसएस पदाधिकारी ने किया बचाव, नंद वंश के खात्मे के सवाल पर दिया ये जवाब





सैदपुर। भाजपा से लोकसभा के लिए प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद पारसनाथ राय का कई जगह जमकर विरोध हो रहा है। ऐसे में कार्यकर्ता व पदाधिकारी लोगों को समझाने में जुटे हुए हैं। चुनाव में जहां करीब डेढ़ माह का समय बचा हुआ है, ऐसे में पारसनाथ राय के सामने पूरे जिले के लोगों तक पहुंचने में बेहद कठिन चुनौतियां हैं। ऐसे में उनके लिए हो रहा विरोध उनके रास्ते का बड़ा रोड़ बन सकता है। उनके हो रहे विरोध के सवाल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संयोजक संजीव पांडेय ने बचाव किया। विरोध के सवाल पर श्री पांडेय ने कहा कि आज के समय में जो भी धर्म व सत्य पर चलता है, उसका विरोध होता ही है। कहा कि विकास कार्यों का हमेशा विरोध होता रहता है और विकास पुरूष के नाम से मशहूर मनोज सिन्हा की 2014 में गाजीपुर में हुई हार इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है। कहा कि जो भी विरोध कर रहा है, उसकी जल्द ही लंका जलेगी। कहा कि गाजीपुर की जनता अफजाल अंसारी के आपराधिक प्रवृत्ति को जानती है और अबकी बार उन्हें लोकसभा चुनाव से बाहर करेगी। पारसनाथ को भाजपा संगठन का किसी तरह का अनुभव न होने के बावजूद प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर कहा कि भाजपा में परिवारवाद नहीं होता। पूरे देश में यही इकलौती ऐसी पार्टी है, जहां का एक छोटा से कार्यकर्ता भी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री तक बन सकता है। प्रत्याशी पारसनाथ राय द्वारा नंद वंश के खात्मा करने के विवादित बयान पर कहा कि ये विपक्षियों द्वारा किया जा रहा दुष्प्रचार है। कहा कि नंद वंश का संबंध यादव समुदाय से नहीं था। बल्कि वो चाणक्य के समय में मौजूद घनानंद के नंदवंश की बात कह रहे थे। कहा कि जब उन्होंने अपने बयान में साफ तौर पर खुद को चाणक्य का अनुयायी बताकर नंदवंश का नाम लिया था तो यदुकुल के नंद वंश के समय कौन से चाणक्य हुए थे, इसका जवाब भी विपक्षियों को देना चाहिए। कहा कि वो आम जनता को अभी से बरगला रहे हैं और भड़का रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठों को किनारे करके मनोज सिन्हा के करीबी को टिकट देने के सवाल पर कहा कि पार्टी नेतृत्व ने जब टिकट दे दिया है तो कार्यकर्ता उसमें जुट जाएं। कहा कि मऊ में जो दंगा हुआ था कि उसमें खून की नदियां बहीं थीं। उसे भी आज लोग भूल गए हैं।



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