5 हजार साल पुरानी चिकित्सा पद्धति से किया गया 200 मरीजों का उपचार, महर्षि सुश्रुत करते थे इस पद्धति से उपचार





नंदगंज। क्षेत्र के सहेड़ी स्थित एसजीएम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में तीन दिवसीय आयुर्वेदिक मर्म चिकित्सा शिविर का आयोजन कर पूर्वांचल में पहली बार महर्षि सुश्रुत चिकित्सा पद्धति से उपचार किया गया। इस दौरान शिविर में विख्यात व धन्वंतरि पुरस्कार से सम्मानित वैद्य चेतन शर्मा व उनकी टीम के द्वारा करीब 200 से अधिक विभिन्न समस्याओं से पीड़ित मरीजों का उपचार मर्म चिकित्सा पद्धति से किया गया। वैद्यराज ने बताया कि सभी प्रकार के वात-व्याधि, सर्वाइकल समस्या, बैकबोन पेन, गठिया, कमर दर्द, घुटनों का दर्द, रीढ़ की हड्डी का दर्द, झनझनाहट, पैरों का दर्द, गृध्रसी, माइग्रेन आदि रोगों का उपचार बिना किसी दवार के 5 हजार वर्ष पुरानी आयुर्वेदीय मर्म चिकित्सा पद्धति यानी न्यूरो पंचकर्म के द्वारा किया जा सकता है। बताया कि दिल्ली के अनुज कुमार मिश्रा की आँखें लगभग ढाई साल से नहीं खुल रही थी और कई अस्पतालों में उसका उपचार नहीं हो पाया लेकिन मर्म चिकित्सा पद्धति से आधे घंटे में ही उसकी आंखें खुलने लगीं। बताया कि सतना की मधु द्विवेदी को सिर में दर्द और चक्कर की समस्या काफी दिनों से थी और उपचार के बाद अब वो भी ठीक हो चुकी हैं। बताया कि आज शिविर में आए लोगों को देखकर साफ लग रहा है कि लोग इस पद्धति से उपचार कराकर खुश हैं।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< हाय रे सरकार और सरकारी तंत्र! अब मुख्यमंत्री से शिकायत कर करानी पड़ रही नालियों की सफाई
जिला जज की पुत्री ने प्रतिष्ठित क्लैट परीक्षा में 383वीं रैंक लाकर किया जनपद का नाम रोशन >>