गाजीपुर : कई बार तलब होने पर भी नहीं आए पूर्व नायब तहसीलदार तो जारी हुआ गैर जमानती वारंट, तत्काल गिरफ्तार करने का आदेश
गाजीपुर। जिले में पूर्व में नायब तहसीलदार रह चुके सुशील दुबे के खिलाफ जिले के एससीएसटी न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट जारी करते हुए कोतवाल को आदेश दिया है कि वो नायब तहसीलदार को गिरफ्तार कर 6 जून को अदालत में पेश करें। इस वारंट व आदेश के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है। ये वारंट तत्कालीन नायब तहसीलदार के गैर जिम्मेदाराना रवैये को लेकर जारी किया गया है। रजदेपुर देहाती निवासी रामचंद्र राम द्वारा पंजाब नेशनल बैंक से लिए गए लोन का ससमय भुगतान न कर पाने पर आरसी जारी हो गया था। जिसके बाद 1 जून 2012 को तत्कालीन नायब तहसीलदार रहे सुशील दुबे अपने साथ अमीन लालमोहन यादव व तहसील के चपरासी सूबेदार यादव को लेकर लोन की रिकवरी के लिए रामचंद्र के घर पर पहुंचे थे। जिसके बाद रामचंद्र ने आरोप लगाया था कि लोन न जमा करने पर उसके साथ मारपीट करते हुए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया था। इसके बाद उसने एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद न्यायालय ने 16 अक्टूबर 2020 को सभी आरोपियों को न्यायालय में तलब किया। इस मामले में लालमोहन यादव व सूबेदार यादव ने न्यायालय में उपस्थित होकर अपनी जमानत करा ली थी लेकिन तत्कालीन नायब तहसीलदार सुशील तलब किए जाने के बावजूद हाजिर नहीं हो रहे थे। जिसके चलते न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए सदर कोतवाल को उन्हें गिरफ्तार कर 6 जून को पेश करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद हड़कंप मच गया है। बता दें कि अब तक तत्कालीन नायब तहसीलदार का प्रमोशन भी हो चुका होगा।