मोह के कारण जीवन मरण के बंधन में बंधता है जीवन, सत्संग से मोक्ष संभव
बहरियाबाद। स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन पर रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। इस दौरान संत मोती यादव ने कहा कि मानव तन दुर्लभ होने के साथ ही तन का एक-एक श्वास दुर्लभ है। इसलिए मानव का कर्तव्य है कि श्वासों की कीमत को समझे। हमारी सांसें जिस परमात्मा की बदौलत चल रही है उसे समय के सतगुरु की कृपा से जानें। कहा कि मोह के कारण ही जीव जन्म-मरण के बंधन में फंस जाता है और उस मोह की समाप्ति सत्संग से ही सम्भव है। इसके पूर्व सत्संग का शुभारम्भ सम्पूर्ण अवतार वाणी एवं सम्पूर्ण हरदेव वाणी के काव्य पाठ से हुआ। इस मौके पर ब्रांच प्रमुख अमित सहाय, जयराम सिंह, श्यामप्यारी सिंह, अमीर, गंगादीन यादव, डॉ केके सिंह, डॉ बाबूलाल, कालिका प्रसाद, डॉ प्रेम सहाय, संजय शर्मा, चंद्रप्रकाश आदि मौजूद थे। संचालन शिवकुमार ने किया।
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