सैदपुर : शिक्षा में सुधार के दावे का मखौल, बच्चों को ठंड लगने के नाम पर समय से पहले ही कर दी गई स्कूल में छुट्टी
सैदपुर। एक तरफ योगी सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधार के तमाम दावे करती हुई नजर आ रही है और सुधार के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं शिक्षा क्षेत्र में लागू भी कर रही है तो दूसरी तरफ शिक्षा विभाग में सुधारों के लिए वास्तविक जिम्मेदारों द्वारा सरकार के दावों का खुला मखौल उड़ाया जा रहा है। ताजा मामला भितरी क्षेत्र के पौटा गांव स्थित इंग्लिश मीडियम कंपोजिट स्कूल का है। जहां पर मंगलवार से आगामी 15 दिनों के लिए होने वाले शीतकालीन अवकाश को सोमवार को आधे समय से ही मान लिया गया और खुले हुए स्कूल को तय समय के घंटों पूर्व ही बच्चों को ठंडी लगने का नाम देकर बच्चों को बिना होमवर्क दिए ही 15 दिनों के लिए बंद कर दिया गया। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद जब शताब्दी न्यूज़ की टीम मौके पर दोपहर 2 बजे पहुंची तो वहां पर स्कूल का गेट तो खुला था और वहां तैनात 10 शिक्षण कर्मियों में से मौके पर प्रधानाध्यापक व कुछ शिक्षण कर्मी मौजूद थे। लेकिन बच्चों के नाम पर वहां कोई भी नहीं था। इस बाबत जब प्रभारी प्रधानाध्यापक अवधेश नारायण सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चे स्कूल आए थे लेकिन आज उन्हें अर्धवार्षिक रिजल्ट सुनाया गया था। जब वो अपना रिजल्ट सुन लिए तो उन्हें ठंडी लग रही थी, इसलिए एमडीएम बनवाकर स्कूल की छुट्टी पहले ही कर दी गई। वहीं इस मामले में एक बच्चे के अभिभावक ने बताया कि उनकी बच्ची स्कूल गई थी तो उसे एमडीएम में सिर्फ हलवा बनवाकर खिलाया गया था। जबकि सोमवार को भोजन का मेन्यू अलग होता है। वहीं स्कूल में पढ़ाने वाले सहायक शिक्षक व वहीं पर 5 साल तक प्रभारी प्रधानाध्यापक रहे बृजेश सिंह ने बताया कि एमडीएम में हलवा बना था। इधर जब स्कूल के ही कर्मियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल में भेदभाव किया जाता है। कहा कि जो हेडमास्टर के चहेते हैं, वो स्कूल में आएं या न आएं, उनकी गैरहाजिरी नहीं लगती है और जिस दिन वो आते हैं, वो अपना कई दिनों से खाली पड़ी हुई उपस्थिति पंजिका पर अपना हस्ताक्षर एक साथ कर देते हैं। जबकि हम अगर 2 या 4 मिनट देर हो जाएं तो उपस्थिति पंजिका को आलमारी में बंद करके हम पर कार्यवाही की जाती है। उन्होंने इसका प्रमाण भी दिखाया, जिसमें एक शिक्षणकर्मी की पंजिका में कई दिनों से हस्ताक्षर नहीं किए गए थे। गड़बड़झाले के उदाहरण के साथ एक और तस्वीर दिखाया, जिसमें जीपीएस कैमरे से लिए गए तस्वीर में शिक्षण कर्मी द्वारा स्कूल से जाने का समय दोपहर 3 बजे दिया गया था, जबकि तस्वीर दोपहर करीब ढाई बजे ली गई थी। यानी जाने के समय से काफी पहले ही जाने का हस्ताक्षर कर दिया गया था। जिसके चलते ये स्पष्ट हो रहा था कि किस तरह से स्कूल को खोलने, बंद करने, एमडीएम बनवाने, शिक्षकों के स्कूल आने व जाने आदि के मामले में गड़बड़ी दिखाई दे रही थी। स्कूल को समय से पहले ही बंद कर दिए जाने के बाबत जब जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव से संपर्क किया गया तो पता चला कि वो छुट्टी पर हैं। वहीं खंड शिक्षा अधिकारी उदय चंद राय ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। इस मामले में जांच कराई जा रही है। बता दें कि 31 दिसंबर से आगामी 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति तक के लिए सभी कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां शुरू हो रही हैं। शासन का आदेश है कि आज सभी स्कूलों में बच्चों को होमवर्क देकर स्कूलों को 15 दिनों के लिए बंद कर दिया जाए। शासन के इस आदेश का प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ने कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।