जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की हुई समीक्षा, नवाचारों पर जोर देने व नियमित समीक्षा करने का निर्देश





गोरखपुर। मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं और राष्ट्रीयकृत स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए नित नये नवाचार अपनाए जाने चाहिए। एक दूसरे के अच्छे मॉडल्स का अनुकरण किया जाए और ब्लॉक स्तर पर नियमित समीक्षा के जरिये स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाया जाए। उक्त दिशा निर्देश विकास भवन सभागार में शनिवार को देर शाम तक चली जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिये गये। जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई और जिला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने का निर्देश भी दिए गए। इस दौरान नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाने के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि सभी ब्लॉक को निर्देशित किया गया कि शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण यूविन पोर्टल के माध्यम से सुनिश्चित कराएं। सत्र से पहले सभी लाभार्थी को प्रेरित कर उनके बच्चों को पांच साल में सात बार टीकाकरण अनिवार्य तौर पर कराया जाए। प्रत्येक सत्र पर सभी उपकरण उपलब्ध हों और ड्यू लिस्ट अद्यतन होनी चाहिए। नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण करें और बीमार नवजात को 102 नंबर एम्बुलेंस के जरिये अस्पताल भेजें। गर्भवती को प्रेरित कर प्रसव से पहले चार बार जांच अवश्य करवाएं। साथ ही चिकित्सक की सलाह पर ई-वाउचर की मदद से सरकारी प्रावधानों के अनुसार अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी दी जाए। डॉ दूबे ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान की भी विस्तृत समीक्षा की गई। सभी ब्लॉक को निर्देश दिया गया है कि बुखार के शत प्रतिशत रोगी नजदीकी सरकारी अस्पताल तक 108 नंबर एम्बुलेंस से पहुंचने चाहिए। ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में बुखार के रोगियों की जांच और इलाज की मुकम्मल सुविधा उपलब्ध है। वहां मरीजों को भर्ती कर उनके सैम्पल जिला अस्पताल स्थित केंद्रीय लैब से अवश्य जांच करवाए जाएं और उनकी एंट्री भी पोर्टल पर हो। लोगों को डेंगू से बचाव और उसके प्रति व्याप्त मिथक व भ्रांतियों के बारे में जागरूक करें। सीएमओ ने बताया कि जिन ब्लॉक के संकेतांकों में गैप दिखाई दिये, उन्हें सुधार करने के लिए कहा गया है। साथ ही सभी चिकित्सा अधिकारियों द्वारा टेली कंसल्टेशन अनिवार्य तौर पर किये जाने का भी निर्देश दिया गया। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पेशेंट टेस्टिंग रेट बढ़ाने और निक्षय मित्र बनने के लिए लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। शत प्रतिशत प्रसव को मंत्रा पोर्टल पर पंजीकृत करने की सभी ब्लॉक से अपेक्षा की गई। बैठक के दौरान डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, पाथ, यूएनडीपी, यूपीटीएसयू औऱ सीफार संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी अपने फीडबैक प्रस्तुत किये। इस मौके पर जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, डॉ मुकुल, एसीएमओ डॉ गणेश यादव, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डॉ हरिओम पांडेय, डॉ राजीव वर्मा, डीपीओ डॉ अभिनव मिश्र, डीएमओ अंगद सिंह, एडीपीआरओ आशुतोष सिंह, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, क्वालिटी प्रभारी विजय श्रीवास्तव, डीडीएम पवन गुप्ता, डैम पवन कुमार, एनएचएम से सहयोगी आदिल फखर आदि रहे।



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