भांवरकोल : श्रीमद् भागवत कथा के 7वें दिन भौमासुर वध व श्रीकृष्ण द्वारा किए गए 16 हजार विवाह प्रसंग पर हुआ प्रवचन
भांवरकोल। शेरपुर खुर्द में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन गुरुवार को कथा व्यास राजेश महाराज भौमासुर वध व श्रीकृष्ण द्वारा किए गए 16 हजार विवाह पर प्रवचन किया। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने 16108 विवाह किया था। लेकिन ये विवाह उन्होंने राक्षस भौमासुर का वध करने पर किया था। क्योंकि उसने 16108 स्त्रियों का हरण किया था। कहा कि उन्होंने ये विवाह एक साथ संपन्न किया था। जिसमें मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण की 8 पटरानियां और 16100 रानियां हुईं। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण पांडवों के राजसूय यज्ञ में जाकर जरासंध का वध किया। बचपन के मित्र सुदामा का द्वारिका में भगवान श्रीकृष्ण से मिलन हुआ। कहा कि जीवन में मित्र बनाओ लेकिन स्वार्थ नहीं होना चाहिए। कहा कि मित्र वह है जो सुख-दुख में साथ दे लेकिन आज के मित्र स्वार्थी हो चुके हैं। जिसके अंदर स्वार्थ हो, वह सच्चा मित्र नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में जाकर भगवान श्रीकृष्ण ने यज्ञ किया तथा 6 पुत्रों को जीवित करके माता देवकी को समर्पित किया। सुखदेव महाराज द्वारा कलयुग का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग यानी कृष्ण में लीन होना है। जो भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाए वही कलयुग है। कहा कि शुकदेव द्वारा राजा परीक्षित को सूक्ष्म श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कराया गया। कार्यक्रम के दौरान सुदामा और कृष्ण का मिलन, सुखदेव मुनि की विदाई, भागवत पूजन, फूलों की होली आदि की झांकी निकाली गई। जिसे देखकर समूचा कथा पंडाल जयकारे से गुंजायमान हो गया। अंत में आरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर ग्राम प्रधान अंजली राय, डॉ सत्यानन्द राय, जयानंद राय मोनू, नीलम राय, रितिका राय, छोटन राय, उमेश यादव, आशुतोष राय, मनीष राय, बालाजी राय, राकेश राय, विकास राय, रोशन राय, दीपक राय, संजय राय, मृत्युंजय राय, जुलुम खरवार आदि रहे।