भीमापार : पंचायत भवन निर्माण में किए गए घोटाले पर सही निकली लेखपाल की शिकायत, अधिकारी ने सौंपी रिपोर्ट





भीमापार। क्षेत्र के देवापार में पूर्व प्रधान द्वारा बनवाए गए पंचायत भवन में खराब गुणवत्ता के निर्माण सामग्री का उपयोग करने की शिकायत आखिरकार सही पाई गई। इस मामले के खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है। शिकायत के अनुसार, भवन के निर्माण में सफेद बालू, तृतीय श्रेणी की ईंटों का उपयोग किया गया है। इन सामग्रियों का उपयोग करने के चलते भवन की न सिर्फ छत टपकने लगी है, बल्कि इसका बीम भी लटककर खतरनाक ढंग से नीचे आ गया है। भवन में इस तरह की धांधली की शिकायत लेखपाल पंकज सिंह ने आईजीआरएस के माध्यम से दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत का संज्ञान लेते हुए वाराणसी मंडल के पंचायत उपनिदेशक ने सादात ब्लॉक के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) और जूनियर इंजीनियर को जांच करने का आदेश दिया था। वहीं शिकायकर्ता लेखपाल ने बताया कि इसी जूनियर इंजीनियर की निगरानी में भवन का निर्माण भी हुआ था। वहीं सहायक विकास अधिकारी ने जांच के बाद रिपोर्ट देते हुए पुष्टि किया कि शिकायत में दर्शाए गए सभी मुद्दे सत्य हैं। इसमें घटिया ईंटों और बालू के प्रयोग के साथ ही छत और बीम के लटक जाने की भी समस्या मौके पर देखने को मिली है। जिसके बाद वर्तमान प्रधान को मरम्मत करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन इसमें ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि आदेश के क्रम में मरम्मत के लिए धनराशि कहां से आएगी? बहरहाल, देखना ये है कि धांधली होना स्पष्ट होने के बाद अब जिम्मेदारों पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है। वहीं इस मामले में शिकायतकर्ता लेखपाल पंकज सिंह ने कहा कि केवल मरम्मत करना समस्या का समाधान नहीं है। कहा कि छत को तोड़कर फिर से बनाना ही इसका एकमात्र उपाय है। इसके साथ ही उन्होंने निर्माण के समय हुई अनियमितताओं व भ्रष्टाचार करने वाले पूर्व प्रधान और तत्कालीन ग्राम सचिव के खिलाफ कठोर कार्रवाई के साथ ही वसूली की भी मांग की है।



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