करंडा : सड़क किनारे फेंके गए कई कुंतल सड़े आलू का वीडियो वायरल, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वितरण का बताया जा रहा आलू





करंडा। गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए सरकार ने बाढ़ से घिरे पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए हर जगह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी से घिरे लोगों के लिए बाढ़ राहत शिविर बनाया है। इसी क्रम में करंडा के इण्टर कालेज सहित गोशंदेपुर इण्टर कालेज व दीनापुर के प्राथमिक विद्यालय में प्रशासन द्वारा अस्थाई बाढ़ राहत कैम्प बनाकर पीड़ितों को राहत सामग्री, दवा, पशुओं का चारा सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं देने की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके लिए इस वर्ष प्रशासन ने बाढ़ की समस्याओं से निबटने की पूरी तैयारी कर ली है। लेकिन सरकार की मंशा को कुछ लोगों द्वारा विफल करने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान सोमवार को दीनापुर के बाढ़ राहत शिविर पर बाढ़ प्रभावित गांव तुलसीपुर, रफीपुर, शेरपुर, महाबलपुर आदि गांव के लोगों में राहत सामग्री वितरित की जा रही थी। लेकिन कुछ जिम्मेदारों की मनमानी और लापरवाही के चलते पीड़ितों को दी जाने वाली राहत सामग्री में रखा आलू सड़ गया था। जिसके कारण भारी मात्रा में करीब 25 कुंतल आलू सड़क के किनारे गड्ढे में फेंक दिया गया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिम्मेदारों की मनमानी यही नहीं रूकी, राहत वितरण सूची पर प्रति व्यक्ति को 10 किलो आलू का वितरण कर दिया जाना भी दिखा दिया गया। जबकि सड़े हुए आलू को सड़क किनारे फेंकने की बात स्वयं लेखपालों ने भी स्वीकार की है। इस बाबत भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बहुत सा आलू वितरित करने से पहले ही बेच दिया गया। भयानक आपदा में अपने घर छोड़कर सड़क किनारे और खुले मैदान में रहने को मजबूर हैं लेकिन पीड़ितों को राहत सामग्री देने में इतनी बड़ी लापरवाही कर्मचारियों की मनमानी और अमानवीयता को दर्शाता है।



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