उफ्फ! महज 15 की उम्र में इतनी दरिंदगी कि अपनी सगे मां-बाप व भाई को खुरपी से काट डाला, प्रेमिका से मिलने में उन्हें समझ लिया राह का कांटा
नंदगंज। कहा गया है आमतौर पर 13 से 17 वर्ष की उम्र बेहद खतरनाक होती है और अगर इस किशोर उम्र में उपजी किसी गलत सोच का समय पर उपचार नहीं किया गया तो वो अपने खून के रिश्तों को भी अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान बैठते हैं। इस बात को नंदगंज के कुसुम्हीं कलां स्थित खिलवां गांव के कलयुगी बेटे ने सच साबित कर दिया है। खिलवां गांव में बीती रात हुए पूरे प्रदेश को दहला देने वाले निमर्मता से किए गए तिहरे हत्याकांड को किसी और ने नहीं, बल्कि मृतकों के सबसे छोटे पुत्र व छोटे भाई ने अंजाम दिया था। इस खुलासे के बाद जिसे भी पता चला, उसके होश उड़ गए। उसने खुद को जिंदा छोड़कर बाकी पूरे परिवार को सिर्फ इसलिए जान से मार दिया, क्योंकि वो उसके और उसकी प्रेमिका के आड़े आ रहे थे। खिलवां गांव में बीती रात मुंशी बिंद, उसकी पत्नी देवंती बिंद व उनके पुत्र रामाशीष की गला रेतकर बेहद निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। इतनी बड़ी घटना होने के बाद इसका खुलासा करना पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज था। लेकिन पुलिस ने 24 घंटों के अंदर इसका खुलासा कर दिया। हत्यारे बेटे ने खुद को बेगुनाह साबित करने की भी काफी कोशिश की। हुआ ये कि बीती रात गांव में आयोजित एक मांगलिक कार्यक्रम में आरकेस्ट्रा हो रहा था। जिसे देखने के मुंशी अपने बड़े बेटे रामाशीष व हत्यारे बेटे के साथ गया था। वहां विवाद होने पर सभी घर चले आए। इसके बाद रामाशीष कमरे के अंदर व दंपति बाहर सो गए। लेकिन छोटा बेटा नहीं सोया। क्योंकि उसने सभी को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया था। जिसके लिए वो 4 दिनों से खुरपी पर धार भी लगा रहा था। जब सभी सो गए तो उसने सबसे पहले अंदर सो रहे अपने बड़े भाई रामाशीष के गले पर तेज धार वाली खुरपी से वार किया। जिस पर वो खून का फव्वारा फेंकते हुए बाहर भागा लेकिन गले की नस कट जाने से वो बाहर तक नहीं पहुंच पाया और अंदर ही गिर गया। इसके बाद हत्यारा बाहर सो रही उसे पैदा करने वाली अपनी मां व बाप के पास पहुंचा और वहां उन दोनों के गले पर निर्ममता से खुरपी से वार करके उन दोनों को भी मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद वो वहां से कुछ दूर खेत में पहुंचा और अपने खून से सने कपड़ों व खुरपी को फेंक दिया और फिर घर आकर दूसरे कपड़े पहनकर फिर से आरकेस्ट्रा में चला गया। वहां कुछ ही देर रहने के बाद अपने एक दोस्त से कहा कि अब ज्यादा रात हो गई है, घर चलो। दोस्त की इच्छा न होते हुए भी वो उसे लेकर आ गया, ताकि वहां जब वो प्लान के अनुसार चीख पुकार मचाए तो एक गवाह रहे कि उसके परिवार के लोग पहले से ही मृत पड़े थे। इसके बाद जब वो घर पहुंचा तो तुरंत उनकी लाश को देखकर चीखने लगा तो उसका दोस्त भी वहां पहुंच गया और वो शोर मचाने लगा तो गांव के लोग भी पहुंच गए और घटना देख हर कोई स्तब्ध रह गया। इसके बाद रात में ही पूरी पुलिस फोर्स पहुंच गई और शव को तत्काल गाजीपुर भेज दिया गया। इधर दिन में पूछताछ के दौरान हत्यारा खुद को गमगीन दिखाने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसमें सफल नहीं हुआ। जिसके चलते पुलिस के शक की सुई उसकी तरफ भी घूम गई। पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की तो वो कई बार बयान बदलने लगा। जिसके बाद पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो वो टूट गया और पूरी हत्या की दास्तान बयां कर दिया। बताया कि वो और उसके पड़ोस की लड़की का आपस में चक्कर था। उससे शादी के लिए लड़की के परिवार के लोग तैयार थे लेकिन मेरे घर में मेरे अलावा सभी लोग उस लड़की से रिश्तो का पूरी तरह से विरोध करते थे। यहां तक कि मैं उससे बात तक करता था तो उन्होंने मेरा सिम ले लिया। इसमें पंचायत भी हुई तो दोनों परिवार के बीच ये तय हुआ कि अब दोनों परिवार अपने बच्चों को एक दूसरे से दूर रखेंगे। लेकिन वो दोनों दूर नहीं रह सके। इस बीच हत्यारोपी ने कुछ दिनों पूर्व चोरी से सिम खरीदकर फिर से लड़की से बात करना शुरू किया। एक दिन पिता को पता चल गया। जिसके बाद घर में पिता, भाई व मां सभी ने मुझे मारा पीटा और मेरा मोबाइल भी तोड़ दिया। जिससे मेरे मन में उनके प्रति नफरत भर गई। इसके बाद मैंने तीनों को जान से मारकर मेरी प्रेमिका व मेरे बीच के रोड़े को रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया। इसके लिए वो बीते 4 दिनों से खुरपी की धार तेज कर रहा था और इसी आरकेस्ट्रा का इंतजार कर रहा था, ताकि उस पर कोई संदेह न हो। बीती रात इसी प्लान के तहत उसने ये तीनों नृशंस हत्याएं कर दी। घटना का खुलासा होन के बाद पूरे जनपद में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं गांव के लोग भी स्तब्ध हैं कि ये हत्याएं उसी घर के सबसे छोटे बेटे ने सिर्फ इसलिए की है, ताकि उसकी प्रेमिका के बीच का कांटा खत्म हो जाए। पुलिस ने हत्यारोपी को पकड़ लिया है। नाबालिग होने के नाते उसे जज के सामने पेश करके आगे की कार्यवाही गई। हालांकि पुलिस इस मामले में हत्यारोपी की प्रेमिका के परिजनों के भूमिका की भी बारीकी से जांच कर रही है कि क्या उसने ये हत्याएं अपनी इच्छा से की या किसी के उकसावे में आकर की है।