गजवा-ए-हिंद का फतवा देने वाले दारूल उलूम देवबंद के खिलाफ गृहमंत्री को पत्रक भेजकर की प्रतिबंध व देशद्रोह लगाने की मांग
सैदपुर। हिंदू जनजागृति समिति का प्रतिनिधिमंडल तहसील सभागार में उपजिलाधिकारी डॉ. पुष्पेंद्र सिंह पटेल से मिला और केंद्रीय गृहमंत्री को संबोधित पत्रक उन्हें सौंपकर दारूल उलूम देवबंद व उससे जुड़े सभी संगठनों पर तत्काल प्रतिबंध लगाकर व देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में सरकार को तत्काल बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने व कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्था व चैरिटेबल एंडोमेंट बिल 2024 को राज्य से हटाने की मांग की। कहा कि बीते दिनों दारूल उलूम देवबंद द्वारा गजवा-ए-हिंद का फतवा जारी करके देश के सौहार्द में आग लगाने व देशवासियों को भड़काने की कोशिश की गई। कहा कि दारूल उलूम देवबंद ने गजवा-ए-हिंद का फतवा जारी किया, जिसका अर्थ भारत देश के खिलाफ युद्ध छेड़कर उसे जीतना और फिर पूरे देश का इस्लामीकरण करना है। कहा कि इस फतवे को जारी करके दारूल उलूम देवबंद ने अपनी छिपाई हुई देशविरोधी इच्छा को पूरे देश के सामने रख दिया है। कहा कि ये संस्था दक्षिण एशिया के सभी मदरसों का संचालन करके वहां के छात्रों को सिर्फ धार्मिक शिक्षा दी जाती है। कहा कि इस तरह के देशविरोधी फतवे से देश की शांति में विद्रोह पैदा हो सकता है और ऐसे संगठनों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने व देशद्रोह की धारा में मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। कहा कि वहां पर हिंदू महिलाओं संग लगातार दुष्कर्म, मंदिरों पर हमले, देवी देवताओं की प्रतिमाओं को तोड़ने, हिंदुवादी लोगों की हत्याएं करने, हिंदु शोभायात्राओं पर हमला करने, हिंदु त्योहारों में दंगे करने जैसी घटनाएं चरम पर हैं। कहा कि कर्नाटक सरकार द्वारा बीते 20 फरवरी को कर्नाटक हिंदू एंडोमेंट बिल 2024 पास किया गया। कहा कि इसके एक हिस्से में जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय उच्च समिति गठित करने का प्रावधान है, जिसमें आशंका है कि बड़ी संख्या में गैर हिंदु पदाधिकारियों को शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा एक खंड में नियम है कि जिन मंदिरों की आय 1 करोड़ रूपए से अधिक है, उस पर 10 प्रतिशत व 5 से 10 लाख की आय वाले मंदिरों पर 5 प्रतिशत का टैक्स लिए जाने का नियम बनाया गया है। कहा कि ये नियम जान बूझकर हिंदुओं के शोषण के लिए सिर्फ मंदिरों पर ही लागू किए गए हैं। इस मौके पर गोपाल पांडेय, पंकज मिश्र, सोनू पंडित, श्रीकांत जायसवाल आदि रहे।