स्कूली बच्चों की आंखों की जांच के लिए स्कूलों में पहुंचे चिकित्सक, कम उम्र के भी कई बच्चों की खराब मिली आंखें
भीमापार। क्षेत्र के जगदीशपुर स्थित कम्पोजिट विद्यालय में स्कूली बच्चों के लिए मिर्जापुर पीएचसी की टीम द्वारा नेत्र परीक्षण शिविर लगाया गया। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अनिल कुमार ने स्कूल के 201 बच्चों के आंखों की जांच की। जांच में उन्हें 22 बच्चों की आंखों में समस्याएं मिलीं। बताया कि उनको विभाग द्वारा निःशुल्क चश्मे दिए जाएंगे। इसी क्रम में उन्होंने मखदुमपुर व बिजरवां के भी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की आंखों की जांच की। डॉ अनिल ने बताया कि आजमल की दिनचर्या के चलते बच्चों में नेत्र रोग की समस्या बढ़ती जा रही है। सरकार की ओर से स्कूलों में भी नेत्र परीक्षण की खास व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत बच्चों के नेत्रों की जांच की जा रही है। इसके लिए चिकित्सा विभाग की तरफ से अध्यापकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। बताया कि पहले नेत्र रोग की समस्या अक्सर उम्र बढ़ने के साथ ही आती थी। लेकिन वर्तमान दौर में ऐसा नहीं है। कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। बच्चे भी दृष्टिदोष से पीड़ित होने लगे हैं। टीवी, मोबाइल के बढ़ते प्रचलन ने इस समस्या को और भी बढ़ाया है। औसतन सौ बच्चों में कम से कम 10 से 15 बच्चे नेत्र रोग से पीड़ित पाए जा रहे हैं। ऐसे में अब परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा 3 से 8वीं तक के सभी स्कूली बच्चों की आंखों की जांच के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब स्कूलों के शिक्षकों को भी बच्चों के नेत्र जांच के संबंध में प्रशिक्षण दिया जायेगा। बताया कि नेत्र रोग से ग्रसित सभी बच्चे अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाते हैं। बताया कि नेत्र संबंधी कई तकलीफें हो सकती हैं। जैसे नजदीक एवं दूर की दृष्टि कमजोर होना, लालिमा, आंखों से पानी आना, रात में कम दिखना, आंखों का टेढ़ापन व कॉर्निया आदि की समस्याएं हो सकती है। इस मौके पर सोनू खरवार, सतिराम, दुर्गा प्रसाद सिंह, राम, जैनब रहमान, अनीता यादव, पूजा मिश्रा, गीता राजभर, बुद्धू राम आदि रहे।