कलियुग में राम से भी बड़ा है राम का नाम, नाम सुमिरन से ही हो जाएगा भवसागर पार - विनोद शास्त्री





देवकली। स्थानीय ब्रह्म स्थल परिसर में चल रहे मानस सम्मेलन में झांसी से आये पंडित विनोद शास्त्री ने प्रवचन किया। कहा कि राम से बड़ा राम का नाम है। सतयुग, त्रेता, द्वापर आदि काल में लोग दर्शन, तप, यज्ञ करके तर गये परन्तु कलियुग में राम नाम का सुमिरन करना ही भवसागर से पार होने का सबसे सुगम साधन है। कहा कि भरत चित्रकूट में श्रीराम को मनाने के लिए अयोध्यावासियों के साथ गए। वहां कोल, भील, ऋषि-मुनि का दर्शन पाकर धन्य हो जाते हैं। कहा कि भगवान श्रीराम ने वन में प्रण किया कि वो एक भी निशाचर को नहीं छोड़ेंगे। इसके बाद राक्षसी शूपर्णखा से सामना होता है। बताया कि वो राक्षसी पूर्व जन्म में कुब्जा थी और कंस को टीका लगाती थी। उन्होंने सीताहरण लीला का सजीव वर्णन किया। कहा कि पक्षीराज जटायु ने माता सीता को छुड़ाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इसके बाद शबरी लीला का भी वर्णन किया। इस मौके पर प्रभुनाथ पांडेय, संजय श्रीवास्तव, अर्जुन पाण्डेय, नरेन्द्र मौर्य, अवधेश मौर्य, रामनरेश मौर्य, रामकुंवर शर्मा, दयाराम गुप्ता, उमाशंकर मौर्य, वीरेन्द्र मौर्य, सोनू तिवारी, प्रमोद मौर्य आदि रहे।



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