कृषि विज्ञान केंद्र पर किसान को दिया गया गेंहू की बुआई व बुआई के उपकरणों के रखरखाव का प्रशिक्षण





गाजीपुर। क्षेत्र के आंकुशपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में विभिन्न उपकरणों द्वारा गेहूं की बुआई एवं उनके रख रखाव पर आधारित पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. आरसी वर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों की कार्य क्षमता में वृद्धि के साथ ही मजदूरों पर निर्भरता कम करना एवं समय और लागत में कमी के साथ ही गेंहू की खेती वैज्ञानिक तरीके से पूर्ण करना है। उन्होंने गेंहू के उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारक रोग, कीट एवं पोषक तत्वों की कमी को पहचानने एवं उनके निदान की जानकारी दी। कहा कि बुआई से पूर्व यदि बीज उपचारित किया जाता है तो 20 से 30 प्रतिशत तक गेंहू की ऊपज को बढ़ाया जा सकता है। वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण संयोजक डॉ शशांक शेखर ने कहा कि गेंहू की बुआई में प्रयोग होने वाले सभी उपकरण जिसमें हैप्पी सीडर, सीड ड्रिल, जीरो सीड ड्रिल कम फर्टी ड्रिल इत्यादि मशीनों के प्रयोग एवं रख रखाव पर आने वाले दिनों में विस्तार से चर्चा की जाएगी। बताया कि हैप्पी सीडर मशीन में रोटर एवं जीरोटिलेज ड्रिल यूनिट लगी रहती है, जो पराली को खेत से बिना निकाले गेंहू की सीधी बुआई कर सकता है। इस यंत्र में दो बॉक्स बने होते हैं, जिनमें खाद एवं बीज अलग-अलग भरे जाते हैं। हैप्पी सीडर निर्धारित दर से खाद और बीज को खेत में डालने का काम करता है। बताया कि अगर आप छिटकवां विधि से गेंहू की बुआई करते हैं तो प्रति हेक्टेयर लगभग 120-130 किलो व मशीन से बुआई करने में प्रति हेक्टेयर सिर्फ 80-100 किलो गेंहू के बीज की आवश्यकता होती है। इस तरह से मशीन से गेंहू की बुआई करते हैं तो बीज और समय दोनों की बचत होती है तथा कम लागत में गेंहू की अच्छी पैदावार मिल सकती है। इस मौके पर प्रगतिशील किसान संजय पांडेय, गणेश गुप्ता, रीमा देवी आदि रहे।



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