750 साल पुराने सिद्धपीठ में गुरू पूर्णिमा पर कई प्रदेश से जुटेंगे श्रद्धालु, लेंगे गुरू का आशीर्वाद





जखनियां। आध्यात्म जगत में एक तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात लगभग 750 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर स्वजनपद ही नहीं वरन देश के कोने कोने से पहुंचने वाले शिष्य श्रद्धालु पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति महाराज का श्रद्धा भाव से पूजन अर्चन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। इसके साथ ही सिद्धपीठ के 26वें पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज के 27वें चतुर्मास महायज्ञ का भी शुभारंभ होगा। विगत दो वर्ष तक कोरोना संक्रमण के चलते संक्षिप्त कार्यक्रम का आयोजन होने के बाद इस वर्ष वृहद पैमाने पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा पर्व पर सिद्धपीठ में गुरु पूजन अर्चन के साथ ही सिद्धि विनायक गणेश पूजन, देव आह्वान, शिव रुद्राभिषेक पूजन, नक्षत्र पूजन, नवग्रह पूजन के साथ ही अनवरत दो माह तक चलने वाले पारंपरिक चातुर्मास महायज्ञ का शुभारंभ हो जाएगा। गौरतलब है कि सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी श्रीभवानीनंदन यति महाराज द्वारा सिद्धपीठ की गद्दी पर आसीन होने के बाद सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, नागेश्वर महादेव, त्रयम्बकेश्वर महादेव, घृष्णेश्वर महादेव, भीमाशंकर महादेव, ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, बाबा विश्वनाथ, रामेश्वरम, मल्लिकार्जुन महादेव, केदारनाथ महादेव, बाबा वैद्यनाथ देवधर, परली वैद्यनाथ व नेपाल स्थित पशुपति भगवान के प्रांगण के साथ ही देश के कोने-कोने में स्थित देवाधिदेव भूत भावन भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग स्थानों पर चातुर्मास महायज्ञ संपादित किए गए हैं। फिलहाल पिछले कुछ वर्षों से चातुर्मास महायज्ञ का संपादन सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर किया जा रहा है। इस वर्ष भी वर्षा ऋतु पर्यंत परंपरागत और धार्मिक रीति नीति के अनुसार लगातार दो माह तक चलने वाले इस अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान पड़ने वाले नागपंचमी, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी सहित सभी विशेष पर्व और त्योहार पर विशेष पूजन अर्चन किया जाएगा। इसी क्रम में जखनियां तहसील मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर स्थित सिद्धपीठ भुड़कुड़ा मठ में शिष्य समुदाय द्वारा पीठाधिपति महंत शत्रुघ्न दास का पूजन अर्चन कर आशीर्वाद ग्रहण किया जाएगा।



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