महिला सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार में ही बंद हुई महिलाओं की रक्षा वाली हेल्पलाइन 181, वेतन भी न मिलने से कर्मचारियों के सामने आई आर्थिक समस्या
गाजीपुर। घरेलू हिंसा व सामाजिक स्तर पर पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए शुरू किये गए 181 सेवा को पिछले 10 जून से बंद कर दिया गया है। जिससे वन स्टॉप सेंटर पर अब बहुत कम केस आ रहे हैं। दूर-दराज की पीड़ित महिलाओं की रेस्क्यू नहीं हो पा रही है। इसके चलते सरकार की यह योजना बेकार साबित हो रही है। दिल्ली में निर्भया काण्ड के बाद महिलाओं की सुरक्षा, सहायता और कानूनों को नये सिरे से गढ़ा गया था। इसी क्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 8 मार्च 2016 को वुमेन पावर लाइन (महिला हेल्पलाइन) 181 लांच की थी। प्रदेश सरकार की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की देखरेख में हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहा था। सरकार ने एंबुलेंस 108 का संचालन करने वाली कम्पनी जीवीके को महिला हेल्पलाइन की जिम्मेदारी दी थी। प्रारंभ में यह सेवा प्रदेश के कुछ जिलों में ही थी। जिसमें गाजीपुर भी शामिल था। बाद में योगी सरकार ने इसकी उपयोगिता को देखते हुए प्रदेश के सभी 75 जिलों में वन स्टाप सेंटर (आशा ज्योति केन्द्र) बनाये गये। इनमें प्रशिक्षित महिलाओं की तैनाती की गई। रेस्क्यू करने व आने-जाने के लिए उन्हें वाहन मुहैया कराया गया था। पिछले एक साल से केन्द्र में काम करने वाली महिलाओं को मानदेय नहीं मिला है। कम्पनी के लोग एक-एक महीने कर टालते रहे।। पिछले 10 जून को कम्पनी ने हेल्पलाइन बंद कर दिया। अभी पिछले दिनों प्रेस कांफ्रेंस कर बर्खास्त कर्मियों ने अपनी व्यथा साझा की और जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 181 को पुनः चालू करने की मांग की है।