प्रवासियों की घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल की दी गयी जानकारी, इन बातों को फॉलो करके दे सकते हैं कोरोना को मात
ग़ाज़ीपुर। कोरोना संक्रमण के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों सहित छात्र एवं अन्य लोग अब अपने-अपने राज्य लौटने लगने लगे हैं। इन्हें सुरक्षित अपने घर पहुँचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कई स्तर पर व्यवस्थाएं की हैं। जिसमें इनके आवाजाही के लिए स्पेशल ट्रेन सहित अपने राज्य पहुँचने पर क्वारंटाइन की सुविधा शामिल है। लेकिन कोरोना संक्रमण के इस दौर में भारी संख्या में लोगों के घर वापसी पर संक्रमण प्रसार को रोकने की भी चुनौती सरकार के सामने है। इसे ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से गाइडलाइन जारी की है, जिसमें प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल, प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वारंटाइन के दौरान जरुरी सावधानियां एवं कोरोना से बचाव को लेकर विशेष वर्गों के लोगों के लिए सावधानी इत्यादि के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है। एसीएमओ डॉ केके वर्मा ने बताया कि प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर कुछ प्रबंधन प्रोटोकॉल बनाये गए हैं, जिसमें बाहर से घर लौटने पर सभी प्रवासियों का जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण एवं स्क्रीनिंग की जानी है। जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण मिलेंगे उन्हें कुछ तय प्रोटोकॉल के अनुपालन करने होंगे। जबकि जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण नहीं भी मिलते हैं, उन्हें भी कुछ सावधानियों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। बताया कि कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर उक्त कदम उठाए जाएंगे। 1. सरकार द्वारा ऐसे प्रवासियों को सरकार द्वारा प्रबंधित क्वारंटाइन फैसिलिटी में रखा जाएगा। 2. प्रबंधित क्वारंटाइन फैसिलिटी में कोविड-19 की जांच होगी। 3. जांच में संक्रमित पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। 4. जांच में संक्रमण नहीं पाए जाने पर 7 दिन क्वारंटाइन में रख दोबारा जांच की जाएगी। 5. 7 दिन के बाद भी संक्रमण न होने पर घर भेज दिया जाएगा जहाँ खुद को 14 दिन होम क्वारंटाइन में रखना होगा। वहीं कोविड-19 के लक्षण नहीं होने पर ये कदम उठाए जाएंगे। 1. ऐसे में प्रवासी को घर भेज दिया जाएगा। 2. घर में खुद को 21 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा। 3. होम क्वारंटाइन के दौरान यदि खांसी, बुखार या सांस लेने में कोई कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत आशा या सरकार की हेल्पलाइन नंबर 18001805145 पर संपर्क करें। एसीएमओ डॉ प्रगति कुमार ने बताया कि होम क्वारंटाइन में प्रवासियों द्वारा ये सावधानी बरतकर संक्रमण प्रसार को रोका जा सकता है। ऽ घर पहुंचते ही 21 दिन होम क्वारंटाइन में रहें। इस दौरान परिजनों से अलग कमरे में ही रहें। ऽ क्वारंटाइन में रहते हुए अनिवार्य रूप से मास्क/गमछा / दुपट्टे से मुँह एवं नाक को ढंक कर रखें। ऽ मास्क/गमछा / दुपट्टे को साबुन एवं गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाएं। ऽ सिर्फ एक बार के उपयोग के लिए बने मास्क का दोबारा इस्तेमाल न करें। ऽ हाथों को साफ़ पानी एवं साबुन से बार-बार धोते रहें। ऽ किसी से भी हाथ मिलाने से परहेज करें। ऽ घर का सामान जैसे बर्तन, पानी का ग्लास, बिस्तर, तौलिया या अन्य उपयोग की जाने वाली चीजों को घर के दूसरे सदस्य के साथ साझा न करें। ऽ संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग से थाली रखें एवं इसे अलग से गर्म पानी से अच्छी तरह धोएं। ऽ अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप्प का उपयोग करें। ऽ किसी भी अन्य व्यक्ति का प्रवेश अपने घर में नहीं होने दें। ऽ आपको या आपके परिवार के किसी भी सदस्य में यदि कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी सूचना आशा को तत्काल दें। ऽ आपके घर से केवल एक व्यक्ति ही जरुरी सामानों की खरीदारी के लिए घर से बाहर जाए। ऽ घर से निकलते समय मास्क/गमछा/दुपट्टा का प्रयोग करें एवं वापस लौटने पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।