28 मई से स्वास्थ्य विभाग चलाएगा दस्त नियंत्रण पखवारा, घर घर जाकर बांटी जाएंगी ओआरएस व जिंक की गोलियां





ग़ाज़ीपुर। भारत सरकार के निर्देश के अनुसार आगामी 28 मई से 9 जून तक पूरे जनपद में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस बाबत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन लखनऊ की तरफ से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश पत्र भी जारी किया गया है। जिसमें जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ डॉ. केके वर्मा ने बताया कि इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य शिशु मृत्यु दर एवं बाल्यावस्था मृत्यु दर में कमी लाना प्रमुख है। बताया कि वर्तमान में प्रदेश की बाल मृत्यु दर 47/1000 है। बताया कि बाल्यावस्था में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में 10 प्रतिशत मृत्यु दस्त के कारण होती है जो कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1.2 लाख है। बच्चों की मृत्यु के लिए ये कारण भारत में दूसरे स्थान पर है। बताया कि इसका उपचार ओआरएस एवं जिंक की गोली से किया जा सकता है। दस्त होने का मुख्य कारण दूषित पेयजल, स्वच्छता एवं शौचालय का अभाव तथा 5 वर्ष तक के बच्चों का कुपोषित होना बताया। बताया कि इस पखवाड़े के दौरान विभाग के द्वारा ऐसे सेंटर को प्राथमिकता में रखना है जहां पर एएनएम लंबी छुट्टी पर ना हो। अति संवेदनशील क्षेत्र हाउ टू रीच एरिया, खानाबदोश, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार ईंट भट्ठे आदि पर रहने वाले परिवार के साथ ही सफाई की कमी वाली जगह पर निवास करने वाली जनसंख्या और जनपद के ऐसे क्षेत्र जहां पूर्व में डायरिया आउटब्रेक हुआ हो एवं बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र रहा हो, ऐसे क्षेत्रों को इस पखवाड़े में प्राथमिकता के तौर पर रख कर विभाग कार्य करेगा। बताया कि इस कार्यक्रम के लिए जनपद में टास्क फोर्स एवं स्वास्थ्य समिति कमेटी का गठन एवं बैठक करना, नोडल अधिकारी का चयन किया जाना, कार्यक्रम के लिए आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करना जिसमें ओआरएस व जिंक की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में आशा अपने गांव में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे वाले समस्त घरों का गृह भ्रमण एवं परिवार को परामर्श देंगी साथ ही ओआरएस का एक पैकेट प्रति बच्चे के अनुसार प्रदान करना है। गृह भ्रमण के दौरान आशा द्वारा ओआरएस का घोल बनाने की विधि एवं प्रदर्शन भी किया जाएगा ताकि बच्चे के परिजन ओआरएस का घोल बनाने के सही तरीकों की जानकारी पा सके। कहा कि जिंक और ओआरएस के उपयोग के बावजूद भी यदि डायरिया से पीड़ित बच्चे ठीक ना हो तो उसे नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। बीमारी के दौरान बच्चे को उसकी आयु के अनुसार स्तनपान एवं ऊपरी आहार तथा भोजन अवश्य दें। बच्चे को पीने हेतु स्वच्छ पेयजल ही दिया जाए खाना बनाने से पूर्व व बच्चे का मल साफ करने के पश्चात महिलाओं को साबुन से अपना हाथ अवश्य धो लेना चाहिए।



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