गाजीपुर : जिले में ईंट-भट्ठों के लिए डीएम ने जारी की नई गाइडलाइंस, सख्ती से पालन करने का दिया गया निर्देश
गाजीपुर। जिले में ईंट निर्माण को लेकर शासन व विभाग के निर्देश पर जिलाधिकारी ने ईंट-भट्ठा मालिकों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। लखनऊ के भूतत्व व खनिकर्म अनुभाग द्वारा निर्देश दिया गया कि पायों के आधार पर विनियमन शुल्क नियमानुसार लिया जाएगा। बताया कि नए नियमों के अनुसार अब भट्ठा मालिकों को यूपी माइंस के यूपीमाइंस डॉट यूपीएसडीसी डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ 2000 रूपए का आवेदन शुल्क, ईट भट्ठा स्वामी का विवरण, भट्ठा स्थल का जीईओ कोऑर्डिनेट सहित विवरण, भट्ठे का प्रकार (सामान्य/जिग-जैग), पायों की संख्या, ईंट-मिट्टी के खनन क्षेत्र का विवरण, भट्ठा सत्र सहित वांछित विवरण फीड करने होंगे। भट्ठा स्वामी को आवेदन-पत्र के साथ ईंट-भट्ठे के सम्बन्ध में रायल्टी/विनियमन शुल्क बकाया न होने का शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। फीड की गयी सूचना के अनुसार ईंट भट्ठों के पायों की संख्या के आधार पर विनियमन शुल्क एवं पलोथन की धनराशि अग्रिम रूप से पोर्टल पर प्रदर्शित लिंक के माध्यम से ऑनलाईन भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के लेखाशीर्षक ‘0853- अलौह खनन तथा धातुकर्म उद्योग- 102- खनिज रियायत शुल्क किराया और स्वत्व शुल्क‘ में जमा की जायेगी। विनियमन शुल्क ऑनलाईन जमा करने पर भट्ठा स्वामी विनियमन शुल्क जमा का प्रमाण-पत्र पोर्टल से जेनेरेट कर सकेंगे। सख्त निर्देश दिया कि ईंट-भट्ठा स्वामियों द्वारा विनियमन शुल्क अग्रिम रूप से जमा किये जाने के उपरान्त ही ईंट भट्ठे का संचालन किया जायेगा। विनियमन शुल्क की धनराशि जमा किये बिना संचालित ईंट भट्ठों का संचालन करने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। कहा कि ईंट मिट्टी के लिये देय विनियमन शुल्क की धनराशि के 10 प्रतिशत के समतुल्य धनराशि, ईट बनाने के काम आने वाली पलोथन मिट्टी (बलुई मिट्टी) के लिये ईट- भट्ठा स्वामियों द्वारा जमा किया जाना होगा। कहा कि आगामी 30 नवंबर तक जमा की गयी विनियमन शुल्क की धनराशि पर किसी प्रकार का ब्याज देय नहीं होगा, किन्तु उक्त तिथि के बाद जमा की गयी धनराशि पर नियमानुसार ब्याज देय होगा।