गाजीपुर : दादा ने बिजली विभाग पर किया था मुकदमा, 44 सालों बाद पोते की पैरवी से मिला न्याय, विभाग ने सौंपी 16 लाख 48 हजार की डीडी
गाजीपुर। नगर के मालगोदाम रोड निवासी बाबूलाल साहू व उनकी संतति को आखिरकार 44 सालों बाद न्याय मिल ही गया। कोर्ट में चल रहे मुकदमे में कोर्ट द्वारा आदेश दिए जाने के बाद जहां बिजली विभाग के मुख्य कार्यालय को सील किया गया, वहीं विभाग द्वारा पीड़ित को 16 लाख 48 हजार रूपए का डीडी दिया, तब जाकर मामला खत्म हुआ। मुकदमा 20 जनवरी 1980 का है। 1980 में माल गोदाम रोड निवासी आटा चक्की व स्प्ह्ेलर संचालक बाबूलाल साहू के कनेक्शन की जांच में बिजली विभाग ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया थ। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में गुहार लगाई थी कि उनकी बिजली न काटी जाए, वो बकाया जमा कर देंगे। इसके बावजूद उनकी बिजली काट दी गई थी। जिससे उनका व्यवसाय ठप हो गया था। बिजली कट जाने के बाद उन्होंने विभाग के खिलाफ मुकदमा किया। जिसमें सुनवाई चलती रही। आखिरकार कोर्ट में सुनवाई पूरी करते हुए विभाग को आदेश दिया कि वो मुकदमे की तारीख से लेकर 1 मई 2014 तक 4 हजार रूपए प्रतिमाह की दर से पीड़ित को कुल 16लाख 48 हजार रूपए का एकमुश्त भुगतान करे। बाबूलाल की मौत के बाद उनके पोते व अधिवक्ता गणेश साहू व कृष्ण साहू ने मुकदमा लड़ना शुरू किया। इधर कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग ने हर्जाने की राशि का भुगतान नहीं किया तो उन्होंने पुनः कोर्ट की शरण ली। जिसके बाद बीते 14 अगस्त को कोर्ट ने बिजली विभाग के लालदरवाजा स्थित कार्यालय को सील करने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद अधीक्षण अभियंता, खंड तृतीय के एक्सईएन, एक्सईएन मीटर आदि के कार्यालय आदि को सील भी कर दिया गया। करीब एक पखवारे तक कार्यालयों के सील होने के बाद विभाग कोर्ट में पहुंचा तो कुछ आधारों पर इसे खोल दिया गया। जिससे कामकाज सुचारू हो गया। इधर हाईकोर्ट से नोटिस मिलने के बाद दोनों पक्ष हाईकोर्ट पहुंचे और वहीं पर विभागीय अधिकारियों ने 16 लाख 48 हजार रूपए की डीडी मृतक बाबूलाल के पोते गणेश साहू को सौंपा। करीब 44 सालों बाद न्याय पाकर वो भी भावुक दिखे। कहा कि अब जाकर उनके दादा को संपूर्ण न्याय मिला है।