परिवार नियोजन की महत्ता के बाबत जागरूक करने को शुरू हुआ विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा, सारथी वाहन को दिखाई गई हरी झंडी





गोरखपुर। परिवार नियोजन का मुख्य संदेश जन-जन तक पहुंचाने और योग्य दंपति को मनपसंद साधन उपलब्ध करवाने के लिए विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा गुरूवार से शुरू हो गया। विश्व जनसंख्या दिवस पर इस पखवाड़े का शुभारंभ जिले के प्रभारी सीएमओ डॉ एके चौधरी ने किया। उन्होंने सीएमओ कार्यालय से सारथी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन ‘विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपति की शान’ सरीखे नारे को जन-जन तक पहुंचाएगा। जिले के सभी ब्लॉकों में पखवाड़े का शुभारंभ प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखा कर किया गया । प्रभारी सीएमओ ने कहा कि समय के साथ परिवार नियोजन का दायरा विस्तृत हुआ है। इसकी शुरूआत प्रथम बार गर्भधारण से ही हो जाती है। शादी के बाद जब कोई दंपति यह स्वतंत्र निर्णय लेता है कि उसे बच्चा कब चाहिए तो यही निर्णय परिवार नियोजन है। अगर नव दंपति तुरंत बच्चा नहीं चाहते हैं तो महिला को अनचाहे गर्भधारण से बचाने के लिए समुचित साधन विभाग उपलब्ध कराता है। डॉ चौधरी ने बताया कि पहला बच्चा होने के बाद दूसरे बच्चे के लिए तुरंत गर्भधारण मां और पहले बच्चे दोनों की सेहत के लिए नुकसानदायक है। अगर दंपति दो बच्चे चाहते हैं तो उन्हें कम से कम तीन साल का अंतर रखने के लिए अस्थायी साधन उपलब्ध कराए जाते हैं। जब दंपति का परिवार पूरा हो जाता है तो वह स्वेच्छा से महिला नसबंदी या पुरूष नसबंदी का साधन चुन सकता है। उन्हें समझाने आदि का कार्य आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, सीएचओ, स्टॉफ नर्स और परिवार नियोजन परामर्शदाताओं की मदद से किया जा रहा है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ नंदलाल कुशवाहा, डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल सिंह, डॉ हरिओम पांडेय, डॉ राजेश, डीएचईआईओ केएन बरनवाल, एआरओ एसएन शुक्ला, आदिल आदि रहे।



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