हिंदी भाषा में भोजपुरी के महत्व विषय पर हुई गोष्ठी, भोजपुरी को बताया हृदय से निकली अभिव्यंजना
सादात। उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान लखनऊ के तत्वावधान में मंगलवार को मातृ गंगाजलि महाविद्यालय मौधियां में एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। हिंदी भाषा में आंचलिक बोली भोजपुरी का महत्व विषयक संगोष्ठी के मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार ओमप्रकाश चौबे उर्फ ओम धीरज ने कहा कि भोजपुरी सुंदर, सरस तथा मधुर भाषा है। कहा कि लोकभाषा शिष्ट भाषा की आधारशिला है। विद्वानों ने कहा है कि जब शिष्ट भाषा में कमजोरी आती है, तब वह लोक की तरफ मुखातिब होता है। वहीं से वह प्राण ऊर्जा प्राप्त कर अपनी गतिशीलता में आ जाती है। डा. जयशंकर जय ने कहा कि भोजपुरी बोली हृदय से निकली अभिव्यंजना है, जो सीधे हृदय को स्पर्श करती है। डा. अशोक कुमार राय ने कहा कि भोजपुरी भाषा पूर्वी उत्तर प्रदेश की मातृ बोली है, जो समाज पर अपनी अमित छाप छोड़ती है। विनोद कुमार ने कहा भोजपुरी आंचलिक होते हुए भी पूरे भारत में समृद्ध हो रही है। डा. राजनाथ यादव आदि ने वक्तव्य दिया। संचालन कार्यक्रम संयोजक व हास्य कवि डा. अशोक राय अज्ञान व आभार प्रबंधक तहसीलदार यादव ने ज्ञापित किया।