डीएम ने किया कई विकास कार्यों का निरीक्षण, महिला छात्रावास व कॉन्फ्रेंस हॉल कार्य में लापरवाही पर ठेकेदार पर लगवाया जुर्माना





गाजीपुर। जिलाधिकारी ने मंगलवार को जिले में हो रहे कई विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नगर के राजकीय महिला डिग्री कॉलेज में निर्माणाधीन 200 बेड के महिला छात्रावास व मल्टीपर्पज कॉन्फ्रेन्स हॉल व आदर्श गांव रघुनाथपुर में बन रहे ठोस कचरा निस्तारण केंद्र का निरीक्षण किया। कॉलेज में निरीक्षण के दौरान कार्य की गति में कमी पाए जाने पर काम को तेजी से कराने का निर्देश दिया। सहायक अभियंता से पूछने पर पता चला कि वहां 20 मजदूर काम कर रहे हैं, जिस पर उन्होंने मजदूरों की संख्या बढ़ाकर काम को तय समय में पूरा करने का निर्देश दिया। बता दें कि इस कार्य की स्वीकृत लागत 16.24 करोड़ रूपए है। जिसके सापेक्ष 5.68 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी है। उसमें से 4.85 करोड़ रूपये खर्च करते हुए ये कार्य कराया जा रहा है। कार्य को पूरा करने की तारीख आगामी 31 अगस्त तय की गई है। जिसके बाबत डीएम ने आवश्यक निर्देश दिया। एक्सईएन ने बताया कि सहायक अभियंता व जेई द्वारा परीनिरीक्षणीय शिथिलता के कारण कार्य थोड़ा प्रभावित हुआ है। जिस पर उन्होंने कार्यदायी संस्था के सहायक अभियंता को निर्देश दिया गया कि कार्य के डीपीआर में बनाई गई योजना के अनुसार ठेकेदार मेसर्स पहलवान कन्स्ट्रक्शन, लखनऊ के खिलाफ जुर्माना लगाएं और वसूली कराएं। इस दौरान लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया कि कार्य स्थल पर इस्तेमाल हो रहे ईंट, सीमेन्ट, बालू आदि सामग्रियों के नमूना को अपनी प्रयोगशाला में जांच कराकर रिपोर्ट दें। अवर अभियंता ने बताया कि सामग्री के थर्ड पार्टी वैल्यूएशन के लिए नमूनों को वाराणसी के बीएचयू में भेजा गया है, जिसकी 15 दिनों में रिपोर्ट मिलेगी। जिस पर डीएम ने कहा कि कार्य शुरू हो जाने की तारीख 1 मार्च और वर्तमान में कार्य स्थल पर लगभग 27 प्रतिशत कार्य हो जाने के बावजूद सामग्री की थर्ड पार्टी वैल्यूएशन के लिए नमूने को इतने देर से भेजा जाना कार्यदायी संस्था द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने के प्रति उदासीनता का परिचायक है। जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सहायक अभियंता एवं अवर अभियंता रोजाना कार्यस्थल पर उपस्थित रहते हुए अपनी तकनीकी देखरेख में गुणवत्तापूर्ण कार्य कराएं। इस मौके पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, कार्यदायी संस्था यूपी सिडको, पीपी बन्दा, रोहित मौर्य आदि रहे।



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