दो जनपदों की सीमा के बीच अपनी जिंदगी उलझा रहे तेतारपुरवासी, वोट देते हैं गाजीपुर में और जमीन का मामला सुलझता है वाराणसी में



बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। सैदपुर ब्लाक के तेतारपुर गांव से गुजरने वाली सड़क दो जिलों की सीमा में होने के चलते दोनों जनपदों के लोग बेहद उलझने लगे हैं। तेतारपुर की तीस प्रतिशत आबादी वाराणसी जिले के धौरहरा गांव में आती है और बाकी गाजीपुर जिले में है। भौगोलिक दृष्टि से गोमती नदी को गाजीपुर और वाराणसी की सीमा पर माना जाता है। गांव के दक्षिणी ओर गोमती नदी के किनारे करीब 100 घरों की आबादी रहती है। जिनके सभी जमीनी दस्तावेजों का निस्तारण वाराणसी जिले से होता है। इस बस्ती में रहने वाले अधिकांश लोग वोटरकार्ड व राशनकार्ड में तो गाजीपुर जिले के तेतारपुर निवासी हैं, परंतु इनके राजस्व के मामले वाराणसी जिले के धौरहरा ग्राम सभा के पौहा में आते हैं। कई साल पूर्व गोमती नदी के धारा परिवर्तन से गांव में दो जनपदों की सीमा बनाने वाली दो किमी सड़क का निर्माण नहीं किया गया। जिसके चलते करीब 100 परिवारों को आवागमन में भारी मुश्किल होती है। मिनी सोलर प्लांट से राजभर बस्ती होते हुए हनुमान मंदिर तक कच्चे सड़क पर हल्की बरसात में फिसलन और जलजमाव से लोगों को वाहन के अलावा पैदल चलना दूभर हो रहा है। इस सड़क निर्माण के लिए गांव के श्रवण यादव पिछले चार सालों से दर्जनों प्रार्थनापत्र देकर प्रधान से लगायत प्रधानमंत्री तक गुहार लगा चुके है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात का दौर शुरू होते ही मुसीबतें बढ़ जाती हैं। कच्चा रास्ते होने के कारण लोगों का पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। स्कूली बच्चे, महिलाएं, वृद्ध और बीमारों को कीचड़ भरे रास्ते पर आवागमन करना पड़ता है। ग्रामीणों द्वारा पंचायत और प्रशासन को कई बार अवगत कराकर सड़क निर्माण की मांग की जा चुकी है, लेकिन उनकी यह मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है। ग्रामप्रधान हीरामणि देवी ने कहा कि दो जिलों की सीमा होने से राजस्वकर्मी पैमाइश सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं। भरोसा दिया कि बाढ़ प्रभावित इस सड़क को जल्द ही सीमेंटेड ईंट से बनवा दिया जाएगा।



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