अब नगर निगम और नागरिक सुरक्षा कोर को भी मिला सामूहिक दवा सेवन कराने का जिम्मा, सैकड़ों ने ली शपथ





गोरखपुर। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 12 से 27 मई तक प्रस्तावित सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम में नगर निगम के सफाई विभाग के कर्मी व नागरिक सुरक्षा कोर के सैकड़ों स्वयंसेवक भी मददगार बनेंगे । इस संबंध में प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) संस्था की मदद से स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम में सफाई विभाग के कर्मियों और कलक्ट्रेट परिसर में नागरिक सुरक्षा कोर के स्वयंसेवकों का मंगलवार को संवेदीकरण किया । संवेदीकृत कर्मी और संस्था के स्वयंसेवक अभियान के बारे में अपने क्षेत्रों में जनजागरूकता तो फैलाएंगे ही, साथ में आशा कार्यकर्ताओं की उन इलाकों में मदद करेंगे जहां दवा सेवन के प्रति समुदाय से इनकार हो रहा होगा । आयोजन के दौरान खुद दवा खाने व अन्य लोगों को प्रेरित करने का संकल्प लिया गया। सभी लोगों को शपथ भी दिलायी गयी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बोर्न कंट्रोल प्रोग्राम डॉ एके चौधरी ने बताया कि अभियान के दौरान अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया रोधी दवा खिलाएंगे । इस कार्यक्रम के बारे में मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा मुकेश रस्तोगी व कोर के उपनियंत्रक सत्यप्रकाश सिंह की अगुआई में कर्मियों व स्वयंसेवकों का संवेदीकरण हुआ है। नगर निगम में संवेदीकरण कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने की। नगर निगम के सफाई निरीक्षकों, सुपरवाईजर व मेठ का संवेदीकरण किया गया। उन्हें बताया गया है कि यह दवाएं निःशुल्क खिलाई जाएंगी और इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है । जिले में डीईसी और एल्बेंडाजोल नामक दवा की डोज उम्र के अनुसार दी जाएगी । दवा खाली पेट नहीं खानी है और इसे स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाना आवश्यक है । दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी और खुजली जैसी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं । इनसे घबराना नहीं है और आमतौर पर यह स्वतः ठीक हो जाते हैं । सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे ने प्रतिभागियों को समझाया कि फाइलेरिया बीमारी मच्छर के काटने से होता है। इसको सामान्यतः हाथीपांव भी बोलते है। इसमें पैरों और हाथों में सूजन के अलावा अंडकोष में सूजन जैसी दिक्कत होती है। व्यक्ति में संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में पांच से पंद्रह साल का समय लग जाता है । क्यूलेक्स मच्छर जब संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तभी इसका संक्रमण होता है । जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली दवा फाइलेरिया के परजीवियों को मार देती है और लोगों को हाथीपांव के साथ-साथ हाइड्रोसील जैसी बीमारियों से बचाती है । यह दवा पेट के खतरनाक कीड़ों को भी खत्म करती है तथा खुजली एवं जू के खात्मे में भी मदद करती है । कार्यक्रम को पीसीआई संस्था के रिजनल कोआर्डिनेटर विकास द्विवेद्वी ने भी संबोधित किया और प्रतिभागियों से अभियान को सफल बनाने की अपील की। फाइलेरिया से बचने के लिए पांच साल तक लगातार सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) के तहत हर साल चलाये जाने वाले अभियान के दौरान सभी के लिए दवा का सेवन अनिवार्य है । खुद दवा खाएं और अपने परिवार व आसपास के इनकार करने वाले लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित करें। इस मौके पर सहायक जिला मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा, संस्था के जिला समन्वयक प्रणव पांडेय और शहरी क्षेत्र के पीसीआई संस्था के सभी समन्वयक ने आयोजन में सहयोग किया।



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