विश्व नशा निरोधक दिवस पर एसीएमओ ने किया जागरूक, मादक पदार्थों के अलावा भी गिनाए नशे के प्रकार, अधिकांश होते हैं लती
गाजीपुर। अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के मौके पर शनिवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें गैर संचारी रोग के नोडल डॉ केके सिंह ने कहा कि लोग सोचते हैं कि वे बच्चें कैसे नशा कर सकते हैं, जिनके पास खाने को भी पैसा नहीं होता। परंतु नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थो की ही जरुरत नहीं होती, बल्कि व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, ब्रेड के साथ विक्स और झंडू बाम आदि का सेवन करके भी नशा किया जाता है और इस तरह का नशा अन्य सामान्य नशे से ज्यादा खतरनाक होता है। कहा कि नशे की लत ने इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्यक्ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वह नशे के लिए जुर्म भी कर सकता है। नशे के मामले में महिलाएं भी पीछे नहीं है। महिलाओं द्वारा भी मादक पदार्थों का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार है। बताया कि मादक पदार्थों के सेवन में शराब, सिगरेट, ड्रग्स, हेरोइन, गांजा, भांग आदि शामिल हैं। इसके अलावा हर वह वस्तु जो आपको जिसकी आपको लत लग जाए, नशे की श्रेणी में ही आता है। ऐसी ही कुछ आदतें हैं जिन्हें छोड़ना बेहद मुश्किल होता है जिसमें मादक पदार्थों के अलावा चाय, कॉफी, वर्तमान समय के नवीन यंत्र जिसमें वीडियो गेम्स, स्मार्ट फोन, फेसबुक आदि का ज्यादा मात्रा में उपयोग भी नशे की श्रेणी में आता है। बताया कि मादक पदार्थों के सेवन से सबसे बड़ी हानि, स्वास्थ्य की हानि है। इससे आपके शरीर के कई अंगों पर एक साथ विपरीत असर पड़ता है। खास तौर से यह आपके दिमाग को भी अपनी चपेट में ले लेता है। बताया कि नशा करने वाला व्यक्ति हमेशा चिढ़ा हुआ और मानसिक तनाव से ग्रसित होता है। साथ ही वो सदैव अपने ख्यालों में ही रहता है, उसे अपने आस-पास के माहौल से ज्यादा मतलब नहीं होता है। ऐसे लोग आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक सभी से कमजोर होते हैं। कहा कि नशा करने वाले सबसे ज्यादा सड़क आदि दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं।